टिहरी शहर के ऐतिहासिक महत्व को दोबारा किया जाए स्थापित- मुख्य सचिव..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव ने सोमवार को सचिवालय में टिहरी झील विकास परियोजना पर सतत्, समावेशी तथा जलवायु अनुकूल पर्यटन विकास से सम्बन्धित द्वितीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक ली। बैठक के दौरान सीएस ने निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय लोगों को विकास का भागीदार बनाते हुए टिहरी को एक ब्राण्ड पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। बैठक में सीएस ने यह भी निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट के तहत टिहरी शहर के ऐतिहासिक महत्व को दोबारा स्थापित करने, पर्यटन की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने, क्षेत्र में सतत एवं रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहित करने, पलायन रोकने, स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ाने तथा क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को कम से कम तीन दिन तक यहां रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में लिए जाए स्थानीय लोगों के सुझाव..
मुख्य सचिव ने टिहरी झील तथा इसके कैचमेंट एरिया के सम्पूर्ण विकास के लिए एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) की गाइडलाइन्स के अनुसार तैयार डीपीआर पर कार्य करने के साथ ही इस तरह के प्रोजेक्ट में सभी स्टेकहोल्डर्स विशेषकर स्थानीय ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उनके सुझाव लेने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि पर्यटन विकास के सभी प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय हितों का विशेष ध्यान रखा जाए। विशेषरूप से पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन विकास की गतिविधियों में सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए। साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर भी ठोस अवशिष्ट प्रबन्धन के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
टूरिज्म प्रोजेक्ट पर कार्य करने के दिए निर्देश..
मुख्य सचिव ने टूरिज्म एवं इकोलॉजी में संतुलन रखने की नीति का पालन करते हुए सभी टूरिज्म प्रोजेक्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास से सम्बन्धित सभी प्रोजेक्ट का इस आधार पर मूल्यांकन किया जाए कि इससे कितने स्थानीय लोगों को रोजगार, विकास एवं कल्याण से सम्बन्धित लाभ पहुंचा है। बैठक में जानकारी दी गई कि 1294 करोड़ रूपये लागत के एडीबी सहायता प्राप्त टिहरी लेक प्रोजेक्ट के तहत 52 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लगभग 103 गांवों की लगभग 96875 आबादी को लाभ पहुंचेगा। प्रोजेक्ट के तहत डोबरा चांटी, तिवार गांव, कोटी कॉलोनी, न्यू टिहरी, मदन नेगी तथा झील कलस्टर में विभिन्न पर्यटन सुविधाओं को विकास किया जाएगा।