मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में मेट्रो नियो प्रोजेक्ट के फंडिंग प्रस्ताव पर लगी मुहर..
उत्तराखंड: नियो मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार से उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन की उम्मीद भले ही टूट गई हो, लेकिन अब राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को अपने हाथों में ले लिया है। उत्तराखंड सरकार नियो मेट्रो परियोजना को 100 फीसदी फंडिंग करेगी। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगी। अब पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड में मेट्रो प्रोजेक्ट को रखा जाएगा। गौरतलब हो कि देहरादून की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लंबे समय से मेट्रो नियो प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार काम कर रही है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन की ओर से प्रोजेक्ट बनाकर राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र को भेजा गया था।
डेढ़ साल बाद भी केंद्र ने परियोजना को हरी झंडी नहीं दी है। अब यूएमआरसी ने नया प्रोजेक्ट बनाकर शासन के समक्ष प्रस्तुत किया है। इस प्रोजेक्ट में नियो मेट्रो के लिए 100 फीसदी फंडिंग राज्य सरकार करेगी। मुख्य सचिव स्तर पर हुई बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव को ग्रीन सिग्नल दे दिया गया है। लेकिन अभी कैबिनेट में इसके लिए प्रस्ताव लाना बाकी है। इससे पूर्व इन्वेस्टमेंट बोर्ड की भी सहमति ली जाएगी।
राज्य सरकार की गारंटी पर लेंगे लोन..
मेट्रो रेल कारपोरेशन के अनुसार 100 फीसदी फंडिंग राज्य सरकार करेगी। लेकिन इसका माॅडल क्या होगा, यह अभी तय नहीं है। अब तक की तैयारी के अनुसार 40 प्रतिशत रकम राज्य सरकार से प्रोजेक्ट में निवेश कराने की तैयारी है, जबकि 60 प्रतिशत रकम राज्य सरकार की गारंटी पर लोन ली लाएगी। यह रकम हुडको, एलआईसी समेत ऐसी ही किसी एजेंसी से लेने की तैयारी है।
हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर अब नहीं होगा काम..
अब तक यूएमआरसी हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के विकल्प पर काम कर रहा था। इसमें परियोजना पर होने वाले खर्च का 40 प्रतिशत भुगतान सरकार को करना था, जबकि 60 फीसदी खर्च पीपीपी मोड में किसी निजी पार्टनर को वहन करना था। लेकिन इस प्राेजेक्ट के बजाए पूरी तरह सरकार इस प्रोजेक्ट को संभालेगी। बोर्ड बैठक में यह तय किया गया है कि सरकार ही परियोजना का पूरा खर्च उठाएगी। अभी यह तय नहीं है कि सरकार का हिस्सा कितना होगा और लोन की रकम कितनी होगी। लेकिन लोन भी राज्य सरकार की गारंटी पर ही लिया जाएगा।
ऐसा होगा नियो प्रोजेक्ट
पहला कॉरिडोर – आईएसबीटी से गांधी पार्क- 8.5 किमी.
दूसरा कॉरिडोर- एफआरआई से रायपुर- 13.9 किमी.