November 9, 2024
पीएम मोदी ने ‘ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट’ का प्रस्ताव रखा..

पीएम मोदी ने ‘ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट’ का प्रस्ताव रखा..

जरूरतमंद देशों की मदद करेगी नई पहल..

 

 

 

देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक नई पहल ‘ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट’ का एलान किया। यह पहल खासतौर पर वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए होगी और इसका फोकस व्यापार, स्थिर विकास, तकनीकी साझा करने और परियोजनाओं के लिए आसान वित्तीय मदद पर होगा। यह पहल भारत के विकास के अनुभवों पर आधारित होगी। पीएम मोदी का कहना हैं कि इस योजना के तहत जरूरतमंद देशों को विकास के नाम पर कर्ज का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। इस नई पहल का एलान भारत की मेजबानी में आयोजित तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन में किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट’ वैश्विक दक्षिण के देशों की विकास प्राथमिकताओं पर केंद्रित होगा।

साझेदार देशों का होगा संतुलित और स्थिर विकास..

समापन सत्र में उन्होंने कहा कि “मैं भारत की ओर से एक व्यापक ‘ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट’ का प्रस्ताव करता हूं। इसका आधार भारत की विकास यात्रा और साझेदारों के अनुभव पर होगा।” मोदी ने कहा, “यह पहल मानव-केंद्रित होगी और विकास के एक व्यापक दृष्टिकोण को बढ़ावा देगी। विकास वित्त के नाम पर जरूरतमंद देशों पर कर्ज का बोझ नहीं डालेगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना से साझेदार देशों का संतुलित और स्थिर विकास होगा।

25 लाख डॉलर का विशेष कोष शुरू करेगा भारत..

उन्होंने कहा, “हम व्यापार, सतत विकास के लिए क्षमता निर्माण, तकनीक साझा करने, परियोजनाओं के लिए वित्तीय मदद और अनुदान पर फोकस करेंगे। भारत व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए 25 लाख डॉलर का विशेष कोष शुरू करेगा। क्षमता निर्माण के लिए व्यापार नीति के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि दुनियाभर के संघर्षों और तनावों का समाधान एक न्यायपूर्ण और समावेशी वैश्विक शासन में है।

कम हो वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण के बीच अंतर..

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण के बीच अंतर को कम करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। अगले महीने संयुक्त राष्ट्र में होने वाला ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ (भविष्य का सम्मेलन) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।” उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने की अहमियत पर भी जोर दिया

 

 

 

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