उत्तराखंड के कलेक्शन सेंटरों की वास्तविक उपयोगिता रिपोर्ट तलब, सीएस ने तमाम प्रस्तावों को भी दी मंजूरी..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना की चौथी उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई। बैठक में सीएस ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेंटर की वास्तविक उपयोगिता की रिपोर्ट तलब की। जिसके तहत सभी कलेक्शन सेंटर की लोकेशन मैपिंग, सेंटर के संचालन की स्थिति और सेंटर के वास्तविक उपयोग की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट संबंधित विभागों से मांगी हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक में ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (REAP) के तहत वेसाइड एमेनिटीज और कलेक्शन सेंटर निर्माण की इकाई दरों में संशोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
सीएस ने कृषि विभाग को पर्वतीय फसलों, दालों और मिलेट के सर्टिफाइड बीजों के उत्पादन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। साथ ही आरईएपी के तहत इस क्षेत्र में 400 उद्यमियों को तैयार करने के लक्ष्य को तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही तेजपत्ता के दोहन और वैल्यू एडिशन की वैश्विक पद्धतियों का भीमताल व ओखलकांडा ब्लॉकों में विस्तार कर 500 उद्यमी तैयार करने, बकरी की नस्ल एवं मूल्य श्रृंखला उत्पाद विकास के तहत 728 उद्यमी तैयार करने, रेशम विभाग की सहायता से दून सिल्क धरोहर संरक्षण के तहत 300 उद्यमी तैयार करने करने पर हामी भरी। इसके अलावा मुर्गी पालन के लिए मदर यूनिट व रियरिंग यूनिट स्थापना के जरिए 503 उद्यमी तैयार करने, मशरूम कम्पोस्ट व उत्पादन इकाई के तहत 402 उद्यमी तैयार करने के लिए 6033.59 लाख रुपए के प्रस्तावों पर सहमति जताई।
2400 पशु सखी किट वितरित करने पर मंजूरी..
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत ज्यादा से ज्यादा स्थानीय महिलाओं को घरेलू पशुओं के स्वास्थ्य कर्मियों के रूप में प्रशिक्षित कर 2400 पशु सखी किट वितरित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही इस परियोजना को तय समय के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। महिलाओं के कार्य के बोझ को कम करने को लेकर सीएस ने 2000 ग्राम संगठनों को राष्ट्रीय निविदा के जरिए छोटे व उन्नत कृषि/उद्यान यंत्रों के वितरण संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी है। साथ ही सीएस ने इस संबंध में विभाग को निर्देश दिए हैं कि फार्मिंग यंत्रों के वितरण से महिलाओं के कार्य कितना बोझ कम हुआ है, इसका अभी अध्ययन किया जाए। वहीं सीएस ने तमाम प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी योजनाओं को लागू करने के दौरान लैंगिक संवेदनशीलता को प्राथमिकता पर रखा जाए. क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएफएल) में उन्नत आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। साथ ही इनके माध्यम से स्थानीय लोगों खासकर महिलाओं को फाइनेंशियल लिटरेसी और साइबर सिक्योरिटी की भी ट्रेनिंग दी जाए।