
पीएम सूर्य घर योजना आवेदन निपटाने में उत्तराखंड देश में अव्वल..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में आवेदनों के निपटारे के मामले में उत्तराखंड देश में पहले स्थान पर है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना गेम चेंजर साबित हो रही है। सोलर नीति में संशोधन और सुधार के बाद इस योजना में स्थानीय लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और 174 मेगावाट परियोजनाओं पर कार्य गतिमान है। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने यह जानकारी साझा की। उनका कहना हैं कि टिहरी, उत्तरकाशी और चंपावत जिलों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी तेजी से काम हो रहा है।
इन जिलों के कई गांव अब सौर गांव से पहचाने जा रहे हैं। मोरी तहसील के कुकरेड़ा गांव में सोलर के साथ अदरक की खेती का कार्य भी हो रहा है। सुंदरम का कहना हैं कि 2018-19 में मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना शुरू हुई थी। योजना की गाइडलाइन में 20 से 25 किलोवाट परियोजनाओं का प्रावधान था, कुछ बंदिशे भी थी। उस अवधि में तीन मेगावाट की परियोजनाएं ही लग पाईं थी। लेकिन नई गाइडलाइन लागू करने के बाद इसमें काफी सुधार है। उन्होंने कहा कि योजना में भी राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा भी पीएम सूर्य घर योजना के तहत सब्सिडी दी जा रही है। आगामी दो-तीन साल में राज्य के सभी सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाए जाएंगे।
लघु जल विद्युत परियोजनाओं के 19 प्रस्ताव पाइपलाइन में..
आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि राज्य में लघु जल विद्युत परियोजना नीति संशोधन के बाद छह परियोजनाओं की निविदा की जा चुकी है। कुल 19 प्रोजेक्ट और पाइपलाइन में हैं। इन्वेस्टर समिट के दौरान भी स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर कंपनियों ने रूचि दिखाई गई है। राज्य में पंप्ड स्टोरेज प्लांट पालिसी के तहत दिल्ली में हुए रोड शो में जेएसडब्लू ग्रुप ने अपनी रूचि दिखाई थी। कंपनी ने उस समय 15 हजार करोड़ का एमओयू हस्ताक्षरित किया था। जिसमें से 8 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल की फाइल स्वीकृति हो चुकी है। बहुत ही जल्द उसके अलॉटमेंट आर्डर एक समारोह में प्रदान किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट अल्मोड़ा में प्रस्तावित है। इसके साथ ही अन्य कंपनियों ने भी पंप्ड स्टोरेज प्लांट में अपनी रुचि दर्शायी है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, राज्य में ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सौर ऊर्जा के माध्यम से न केवल राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि युवाओं और ग्रामीणों को अपने गांवों में रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। यह पहल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।