November 9, 2024
अब एप के माध्यम से होगा कूड़ा निस्तारण और सेप्टेज प्रबंधन की निगरानी..

अब एप के माध्यम से होगा कूड़ा निस्तारण और सेप्टेज प्रबंधन की निगरानी..

 

उत्तराखंड: नगर पालिका ने शहर के भवनों पर यूनिक आईडी प्लेट लगाने का 90 फीसदी कार्य पूरा कर लिया है। नवंबर से एप के माध्यम से कूड़ा निस्तारण, छंटाई और सेप्टेज प्रबंधन की व्यवस्था की निगरानी की जाएगी। वहीं आवासीय और व्यावसायिक भवनों को अब अपना डिजिटल भवन नंबर भी मिल गया है। इससे कूड़ा निस्तारण और सेप्टेज टैंक प्रबंधन की व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की दिशा में नगर पालिका विकासनगर के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। नगर पालिका क्षेत्र में 6400 भवन हैं। इसमें से 4500 आवासीय और 1900 व्यावसायिक भवन है। नगर पालिका क्षेत्र से 15 मीट्रिक टन कूड़ा रोज एकत्र किया जाता है। घरों से शत-प्रतिशत कूड़े का उठान हो रहा है, लेकिन आवासीय भवनों से 70 फीसदी और व्यावसायिक भवनों से 40 फीसदी ही कूड़ा मिल रहा है। वहीं, शहर में सेप्टेज प्रबंधन की जिम्मेदारी भी अब नगर पालिका और सहयोगी के तौर पर जलसंस्थान विभाग के पास है।

नगर पालिका ने शहर का डिजिटल सर्वे करवाया था। सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद घरों में यूनिक आईडी नंबर के साथ क्यूआर कोड की प्लेट चस्पा की जा रही है। यूनिक आईडी नंबर प्लेट का 90 फीसदी कार्य पूरा हो गया। भवनों से कूड़ा उठान के समय कर्मचारी एप के माध्यम से क्यूआर कोड को स्कैन करेगा। वह कूड़ा उठान की जानकारी के साथ गीला और सूखा कूड़ा अलग दिया गया है या नहीं इसकी पुष्टि करेगा। इससे मिश्रित कूड़ा देने वाले भवनों का चिह्नीकरण किया जा सकेगा। नगर पालिका भवन मालिकों से संपर्क कर गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग देने की व्यवस्था बनाएगी।

वहीं क्यूआर कोड के माध्यम से नगर पालिका को यह भी पता चल पाएगा कि किस भवन का सेप्टिक टैंक भरने जा रहा है। भवन मालिक से संपर्क कर उन्हें सेप्टिक टैंक भरने की तिथि नजदीक होने की जानकारी दी जाएगी। नगर पालिका निर्धारित शुल्क पर भवन मालिक को घर बैठे सेप्टिक टैंक खाली करने की सुविधा मुहैया करवाएगी। नगर पालिका विकासनगर के अधिशासी अधिकारी बीपी भट्ट का कहना हैं कि शहर में भवनों पर यूनिक आईडी प्लेट लगाने का 90 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया है। इसमें क्यूआर कोड भी दिया गया है। एप के माध्यम से क्यूआर कोड को स्कैन कर कूड़ा निस्तारण और सेप्टेज प्रबंधन व्यवस्था की निगरानी की जाएगी। नवंबर के पहले सप्ताह से नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।

 

 

 

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