February 19, 2025
फाटो पर्यटन जोन को ऑनलाइन करने के लिए जिप्सी कारोबारियों ने डीएफओ कार्यालय पहुंचकर किया घेराव..

फाटो पर्यटन जोन को ऑनलाइन करने के लिए जिप्सी कारोबारियों ने डीएफओ कार्यालय पहुंचकर किया घेराव..

 

उत्तराखंड: रामनगर फाटो पर्यटन जोन में ऑनलाइन बुकिंग की मांग को लेकर आज जिप्सी संगठन के अध्यक्ष जगदीश छिम्वाल के नेतृत्व में जिप्सी कारोबारियों ने रामनगर तराई पश्चिम के डीएफओ प्रकाश आर्य के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनका घेराव किया. इस दौरान डीएफओ और जिप्सी कारोबारियों के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली। जिप्सी कारोबारी जगदीश धस्माना का कहना हैं कि फाटो पर्यटन जोन को ऑनलाइन किए जाने के संबंध डीएफओ प्रकाश आर्य से हुई बातचीत के बीच डीएफओ प्रकाश आर्य ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता के लिए बैठे हुए हैं, इसलिए जनता की सहूलियत के लिए कार्य करना उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इस तरीके का अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिप्सी कारोबारी जगदीश धस्माना का कहना हैं कि फाटो पर्यटन जोन की ऑनलाइन बुकिंग ना होने से पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।कई बार मालधन क्षेत्र में जाकर पर्यटक वापस आते हैं, क्योंकि वहां नंबर नहीं आ पाता। उन्होंने कहा कि जब से यह पर्यटन जोन खुला है, तब से ही फाटा जोन को ऑनलाइन किए जाने की मांग हमारे द्वारा की जा रही है। वहीं अगर फाटो पर्यटन जोन को जल्द ही ऑनलाइन नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन करते हुए फाटो पर्यटन जोन का बहिष्कार किया जाएगा।

तराई पश्चिम के डीएफओ प्रकाश आर्य का कहना हैं कि फाटो पर्यटन जोन को ऑनलाइन किए जाने की प्रक्रिया गतिमान है, उनके द्वारा इस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में एक बैंक से वार्ता की गई है, जिससे बैंक ने दिवाली के बाद ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए खर्च होने वाले पैसे को फंड ट्रांसफर करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि दिवाली के बाद फाटो पर्यटन जोन में ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आपको बता दें कि फाटो पर्यटन जोन कॉर्बेट की तर्ज पर ही लोकप्रिय जोनों में शुमार है। फोटो पर्यटन जोन के जंगल जैव विविधता और वन्यजीवों के दीदार के लिए जाना जाता है। यहां पर बाघ, गुलदार हाथी,भालू और हिरन वन्यजीवों के दीदार के लिए पर्यटक देश-विदेश से रामनगर पहुंचते हैं। इस जोन में 50 जिप्सियां सुबह की पाली में हैं और 50 जिप्सियां शाम की पाली में हैं, जो पर्यटकों को जंगल भ्रमण पर लेकर जाती हैं।

 

 

 

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