सीएम के गृहक्षेत्र खटीमा में कई सालों बाद सामान्य हुई सीट, खड़ी हुई दावेदारों की फौज..
उत्तराखंड: नगर पालिका खटीमा अध्यक्ष पद की सीट इस वर्ष सामान्य हैं। जिसके बाद बीजेपी में टिकट के दावेदारों की फ़ौज खड़ी हो गई है। बीजेपी से 11 प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी पेश की है। वहीं, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से निवर्तमान सहित कुल सात प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है। सीमा विस्तार के बाद कुल 20वार्डों की खटीमा नगर पालिका में पर्वतीय व मुस्लिम वोट भी अच्छी संख्या में बढ़ें हैं। सीट सामान्य होने के बाद आम आदमी पार्टी से पूर्व सैनिक को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। कई निर्दलीय भी चुनावी मैदान में ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं। सीएम धामी का गृह क्षेत्र होने के कारण भाजपा किसी भी कीमत पर इस सीट को गंवाना नहीं चाहेगी। खटीमा व नानकमत्ता विधानसभाओं में खटीमा नगर पालिका के विभिन्न वार्ड आते हैं। दोनों विधानसभाओं के विधायक भुवन कापड़ी व नानकमत्ता से गोपाल सिंह राणा भी कांग्रेस की पिछली जीत को इस बार भी दोहराना चाहेंगे।
नगर पालिका खटीमा 1961 स्थापना अवधि से अब तक एक दो बार छोड़कर कांग्रेस पार्टी के कब्जे में रही है। इसे कांग्रेस की परम्परागत सीट माना जाता है। इस बार सीमा विस्तार के बाद समीकरण बदले हैं। यहां पर्वतीय व मुस्लिम मतदाताओं में इजाफा हुआ है। सीएम धामी का गृह क्षेत्र होने के कारण भी इस सीट पर भाजपा एक्टिव दिख रही है। प्रदेश व केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें होने की वजह से खटीमा में अभी से मतदाताओं को विश्वास में लिया जा रहा है। इस बार रोचक मुकाबले के आसार बनने लगे हैं।
पिछली बार कांग्रेस के कब्जे में रही नगर पालिका अध्यक्ष पद की सीट पर इस बार सात लोग दावेदारी ठोक रहे हैं। इनमें एक निवर्तमान अध्यक्ष सहित 6 अन्य लोग दावेदार हैं। बीजेपी प्रत्याशी की अगर बात करें तो सीएम धामी के करीबी होने का लाभ रमेश चंद्र जोशी उर्फ रामू जोशी को मिल सकता है। वहीं कांग्रेस में उमेश राठौर उर्फ बॉबी व राशिद अंसारी कांग्रेस टिकट की दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा है। नगर पालिका खटीमा में सीमा विस्तार उपरांत 20 वार्ड में खटीमा विधानसभा के 9 तथा नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र के 11 वार्ड आते हैं। नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए खटीमा व नानकमत्ता के विधायक कांग्रेस के होने के कारण दोनों इस बार भी जिताऊ प्रत्याशी उतारने का बखूबी प्रयास करेंगे। इसके अतिरिक्त इस बार निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी मजबूत दावेदारी ठोक सकते हैं। फिलहाल नगर का मतदाता नगर के सर्वांगीण विकास के लिए किसको अपना सिरमौर बनाएगा यह अभी भी यक्ष प्रश्न है।