June 25, 2025
समर्पित शिक्षकों को बिना आवेदन भी मिलेगा शैलेश मटियानी पुरस्कार..

समर्पित शिक्षकों को बिना आवेदन भी मिलेगा शैलेश मटियानी पुरस्कार..

 

 

 

 

उत्तराखंड: राज्य में शिक्षा के प्रति समर्पित और उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सरकार अब बिना आवेदन भी राज्य शैक्षिक शैलेश मटियानी पुरस्कार देगी। यह पुरस्कार निश्चित रूप से उन शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक साबित होगा जो शिक्षा के क्षेत्र में निःस्वार्थ और समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। बिना आवेदन के ही ऐसे शिक्षकों को राज्य शैक्षिक शैलेश मटियानी पुरस्कार दिए जाने से न केवल उनकी मेहनत और लगन को सम्मान मिलेगा, बल्कि यह अन्य शिक्षकों को भी उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। यह नीति शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक हो सकती है। शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि कुछ शिक्षक, शिक्षा के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं। इनमें से एक हैं, बागेश्वर के कपकोट स्थित राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा। प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा जैसे समर्पित शिक्षकों का उदाहरण यह दर्शाता है कि सही दिशा में किया गया प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

यह अपने आप में एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे शिक्षकों का समर्पण और मेहनत शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। प्रधानाध्यापक ख्याली दत्त शर्मा और उनकी टीम की कोशिशों से न सिर्फ उनके विद्यालय में छात्र संख्या में भारी वृद्धि हुई, बल्कि विद्यालय के कई छात्रों का सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में चयन हुआ है। बता दे कि इस स्कूल को महज नौ छात्रों से 282 तक ले जाना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। जबकि 200 अन्य बच्चे इस स्कूल में दाखिला चाहते हैं। बच्चों के दाखिले की इच्छा दर्शाती है कि शिक्षकों ने न सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दिया, बल्कि स्कूल के प्रति विश्वास भी बढ़ाया है। यह प्रदेश के अन्य शिक्षकों और स्कूलों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण हो सकता है।

स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना हैं कि विद्यालय में पर्याप्त भवन की आवश्यकता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जब एक स्कूल में बच्चों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही हो, तो आधारभूत सुविधाओं का विस्तार भी जरूरी हो जाता है। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि इस तरह के प्रेरणादायक शिक्षकों का प्रयास बाधित न हो और अधिक से अधिक बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। जब स्कूल के प्रधानाध्यापक को शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि वह इसके योग्य हैं तो उन्हें खुद इसके लिए चयनित किया जाना चाहिए। यही वजह है कि सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी कि इस तरह के शिक्षकों को बिना आवेदन भी शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए चयनित कर सम्मानित किया जाए। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इस स्कूल के भवन के लिए सरकार ने एक करोड़ 10 लाख रुपये दिए हैं।

 

 

 

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