June 25, 2025
चारधाम यात्रा पर संकट के बादल, केदारनाथ रूट पर फैला घातक वायरस, सख्त एक्शन में सरकार..

चारधाम यात्रा पर संकट के बादल, केदारनाथ रूट पर फैला घातक वायरस, सख्त एक्शन में सरकार..

 

 

उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग जिले में घोड़े और खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि के बाद सरकार सतर्क हो गई है। यह बीमारी घोड़ों, खच्चरों को प्रभावित करने वाला एक वायरल संक्रमण है, जो तेज बुखार, खांसी और कमजोरी जैसी समस्याएं पैदा करता है। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर घोड़े-खच्चरों की अनिवार्य स्वास्थ्य जांच के निर्देश दिए हैं। इस बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चलाने और प्रभावित क्षेत्रों में सख्त निगरानी रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

विभागीय मंत्री ने सचिवालय में हुई बैठक में कहा, रुद्रप्रयाग के वीरोन एवं बस्ती गांव में घोड़े-खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा संक्रामक रोग की पुष्टि हुई है। जिसे देखते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि निकट भविष्य में चारधाम यात्रा प्रस्तावित है। ऐसे में शीर्ष प्राथमिकता पर घोड़े, खच्चरों की स्क्रीनिंग की जाए, ताकि स्वस्थ घोड़े-खच्चर ही यात्रा में शामिल हो सकें। इससे न केवल पशुओं की सुरक्षा होगी बल्कि यात्रियों की सुविधा और यात्रा की सुचारू व्यवस्था भी बनी रहेगी।

समस्त आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश..

विभागीय मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं चमोली जिलों के साथ-साथ प्रदेश की सीमाओं पर स्थापित पशु रोग नियंत्रण चौकियों पर समस्त घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। स्वास्थ्य परीक्षण को अनिवार्य करने से उन घोड़े-खच्चरों की पहचान हो सकेगी, जो संक्रमित हो सकते हैं, और उन्हें यात्रा से दूर रखा जा सकेगा। इसके साथ ही सीमावर्ती राज्यों से आने वाले पशुओं के लिए निगेटिव रिपोर्ट और स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की अनिवार्यता संक्रमण के बाहरी स्रोतों से फैलने की संभावना को भी कम करेगी।

मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग इस रोग के संक्रमण को रोकने के लिए अपने जिले में क्वारंटीन केन्द्रों की स्थापना करेंगे। साथ ही उपचार के लिए समस्त आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से सख्त निर्देश दिए हैं कि इसमें कोई भी लापरवाही न हो, अन्यथा विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से न केवल पशुओं की सुरक्षा होगी, बल्कि चारधाम यात्रा को भी सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी।

 

 

 

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