
उत्तराखंड की जेलें ओवरक्राउडेड, सरकार बनाएगी तीन नई जेलें, सितारगंज सेंट्रल जेल का होगा विस्तार..
उत्तराखंड: उत्तराखंड की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में जल्द ही तीन नई जेलों का निर्माण शुरू होने जा रहा है। चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में जेल निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है, जबकि उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए भूमि पहले ही चिन्हित की जा चुकी है। गृह विभाग के अनुसार इन जेलों का निर्माण कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, सितारगंज की सेंट्रल जेल का भी विस्तार किया जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस विस्तार प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। यहां 300 कैदियों की अतिरिक्त क्षमता के लिए बैरिक्स और आवश्यक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। सरकार का यह कदम जेलों में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में उत्तराखंड में 11 जेल हैं। इनमें सितारगंज में एक शिविर कारागार (ओपन जेल) भी शामिल है। पूरे प्रदेश की इन जेलों की क्षमता 3541 कैदियों की है। लेकिन इनमें क्षमता से करीब डेढ़ गुना 5521 कैदी बंद हैं। इनमें 3307 विचाराधीन और 2259 सजायाफ्ता कैदी शामिल हैं। पिछले साल आई इंडिया जस्टिस की रिपोर्ट में उत्तराखंड की जेलों को देश में सबसे अधिक ओवरक्राउडेट (भीड़) बताया गया था। हालांकि, इससे पहले ही गृह विभाग प्रदेश में जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहा था। जेल विभाग से इसके लिए नई जेल और पुरानी जेलों के विस्तार के लिए प्रस्ताव भी मांगे गए थे। इनमें उत्तरकाशी, चंपावत और पिथौरागढ़ जिले शामिल थे। इसके लिए उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए मंजूरी मिल चुकी थी। लेकिन, जमीन फाइनल नहीं हुई थी।
गृह सचिव शैलेश बगौली का कहना हैं कि उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए अब जमीन मिल चुकी है। जबकि चंपावत में जेल निर्माण के लिए सीएम ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पिथौरागढ़ में भी जेल निर्माण के लिए मंजूरी मिल चुकी है। सितारगंज सेंट्रल जेल में वर्तमान में 552 कैदियों को रखने की क्षमता है। इसमें 300 कैदियों के लिए विस्तार किया जाएगा। इसके लिए भी मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इन सभी जगहों पर जेल निर्माण का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
तीन जगह आवासीय सुविधाएं बढ़ेंगी..
गृह सचिव का कहना हैं कि जेल परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों के आवास की सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। इनमें प्रथम चरण में देहरादून की सुद्धोवाला, हरिद्वार और अल्मोड़ा जेल को चुना गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में आवासीय भवन निर्माण के लिए बजट भी मिल चुका है। यहां भी जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
ये है प्रमुख जेलों की स्थिति..
जेल- क्षमता- कैदियों की संख्या
अल्मोड़ा- 102 291
नैनीताल- 71 143
देहरादून- 580 1122
हल्द्वानी- 635 1188
सेंट्रल जेल सितारंगज- 552 860
टिहरी- 150 198
रुड़की- 244 319
हरिद्वार – 888 1120
पौड़ी- 150 160
यहां हैं क्षमता से कम..
उत्तराखंड की दो जेल ऐसी भी हैं जहां पर क्षमता से कम कैदियों को रखा गया है। इनमें खुली जेल सितारगंज में 300 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन यहां पर 45 कैदी ही हैं। ये सभी सजायाफ्ता कैदी हैं। इसके साथ ही चमोली जेल की क्षमता 169 कैदियों की है। जबकि, यहां पर 120 कैदी बंद हैं।