May 16, 2025
वात्सल्य योजना से बाहर हुए कोरोना काल में बेसहारा हुए एक हजार बच्चे..

वात्सल्य योजना से बाहर हुए कोरोना काल में बेसहारा हुए एक हजार बच्चे..

सरकार अब अन्य योजनाओं से जोड़ेगी..

 

उत्तराखंड: कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके बेसहारा बच्चों को सहारा देने वाली मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से अब तक करीब 1000 बच्चे वयस्क होने के बाद बाहर हो चुके हैं। इन सभी की आयु 21 वर्ष पूरी हो चुकी है, जिससे वे योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता के पात्र नहीं रहे।हालांकि, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और बाल विकास विभाग ने ऐसे सभी वयस्क हो चुके लाभार्थियों के लिए विशेष पहल की है। विभाग इन बच्चों की करियर संबंधी गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है, और एक सत्यापन अभियान भी चलाया जा रहा है ताकि उनकी शिक्षा, रोजगार व अन्य ज़रूरतों की जानकारी अपडेट रह सके। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इन युवाओं को अब भी मार्गदर्शन, काउंसलिंग और स्किल ट्रेनिंग जैसे जरूरी सहायता देने की कोशिश की जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर जीवन की ओर आगे बढ़ सकें।

योजना के तहत बच्चों को 21 साल की आयु तक प्रतिमाह 3000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके साथ ही शिक्षा, भोजन और अन्य जरूरतों की जिम्मेदारी भी सरकार उठाती है। अब जबकि कई लाभार्थी योजना की आयु सीमा पूरी कर चुके हैं, विभाग की ओर से सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है ताकि उनका करियर मार्गदर्शन और आवश्यक सहायता सुनिश्चित की जा सके। बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि इन युवाओं को अन्य सरकारी योजनाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों और रोजगार से जुड़ी पहल से जोड़ा जाएगा। विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि ये बच्चे मुख्यधारा से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें।

वात्सल्य योजना के लाभ से बड़ी संख्या में बच्चे लाभान्वित हुए..

महिला एवं बाल कल्याण विभाग में उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता का कहना हैं कि योजना की शुरुआत में 6544 लाभार्थी थे, जो अब 5487 रह गए हैं। योजना से बाहर होने वाले बच्चों का सत्यापन विभाग की ओर से कराया जा रहा है। सुखद यह है कि उनमें कुछ लड़कियों की शादी हो गई है और अब वह एक खुशहाल परिवार का हिस्सा हैं। परिवीक्षा अधिकारी ने कहा कि योजना को विस्तार देने के लिए 200 से अधिक बेसहारा बच्चे, जिनके माता-पिता दोनों नहीं हैं, उन्हें कॅरिअर काउंसलिंग और अन्य सहायता दिलाने के लिए एक एनजीओ के साथ करार किया गया है।

महिला सशक्तिकरण विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य ने कहा कि वात्सल्य योजना के लाभ से बड़ी संख्या में बच्चे लाभान्वित हुए हैं। यह योजना कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए शुरू हुई थी, जैसे-जैसे बच्चे आयु सीमा पूरी कर रहे हैं, योजना से बाहर हो रहे हैं, हालांकि विभाग उनके सत्यापन और अन्य योजनाओं के जरिए उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर है।

 

 

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