May 16, 2025
उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी के चलते स्कूल टाइमिंग में बदलाव..

उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी के चलते स्कूल टाइमिंग में बदलाव..

उधमसिंह नगर में दोपहर 11:30 बजे तक ही लगेंगी कक्षाएं..

 

 

 

उत्तराखंड: देशभर में बढ़ती भीषण गर्मी का असर अब उत्तराखंड में भी दिखने लगा है। तेज धूप और चटखती गर्मी से लोगों के साथ-साथ बच्चों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसी को देखते हुए उधमसिंह नगर जिले के जिलाधिकारी (डीएम) ने स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव का आदेश जारी किया है। जिले के सभी स्कूल अब केवल दोपहर 11:30 बजे तक ही संचालित किए जाएंगे। यह निर्देश बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। डीएम कार्यालय से जारी आदेश में सभी शासकीय, अशासकीय व निजी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे समय पर पालन सुनिश्चित करें। यह बदलाव गर्मी के प्रभाव कम होने तक प्रभावी रहेगा।

भीषण गर्मी को देखते हुए मौसम विभाग ने तापमान में अत्यधिक वृद्धि का अलर्ट जारी किया है। इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने उधमसिंह नगर जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए नए समय का आदेश जारी किया है। अब जिले के सभी स्कूल सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक ही संचालित होंगे। यह आदेश सरकारी, प्राइवेट स्कूलों के साथ-साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी लागू होगा। गर्मी और लू के खतरे को देखते हुए बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें दोपहर की तेज धूप से बचाना।

नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर होगा एक्शन..
उधमसिंह नगर के डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने साफ किया है कि जो स्कूल आदेश का पालन नहीं करता है उसे आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51(ख) के तहत नियम उल्लंघन माना जाएगा। साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हीट वेव की चेतावनी के बाद लिया फैसला..

जिले में लगातार बढ़ती गर्मी और चढ़ता तापमान अब स्वास्थ्य के लिए खतरा बनता जा रहा है। मौसम विभाग ने हीट वेव की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसी को देखते हुए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने स्कूलों के संचालन समय में बड़ा बदलाव किया है। ज्यादा गर्मी से बच्चों को चक्कर आना, उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। तेज धूप के संपर्क में आने से हीट स्ट्रोक का भी खतरा है। बच्चों को गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचाना और उनके लिए एक सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करना।

 

 

 

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