
थलीसैंण उप जिला अस्पताल में डॉक्टर्स और स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा, मरीजों को मिलेगा बेहतर उपचार..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने थलीसैंण उप जिला चिकित्सालय की ढांचागत सुविधाओं के विकास और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए 214 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इस वित्तीय सहायता से दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली लगभग एक लाख की आबादी को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी, और उन्हें किसी बड़े हायर सेंटर की ओर रुख करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार और लोक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसके तहत चिकित्सालय को न केवल आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा, बल्कि इसके ढांचागत निर्माण से मरीजों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। इससे इस क्षेत्र के लोगों को सस्ती, गुणवत्ता युक्त और त्वरित चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। राज्य सरकार का यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार ने पौड़ी जिले के दूरस्थ थलीसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को उप जिला चिकित्सालय का दर्जा देने के बाद, इसके विकास के लिए 214.7 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर कर दी है। यह धनराशि 50 बेड वाले इस स्वास्थ्य केंद्र को अब उप जिला अस्पताल के मानकों के अनुरूप बनाकर इसे उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगी। स्वीकृत धनराशि से अस्पताल में ढांचागत सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिसमें अस्पताल भवन की नवीनीकरण, नवीनतम चिकित्सा उपकरणों की खरीद और आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जाएगा। इसके साथ ही इस स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल के रूप में संसाधन संपन्न किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर और त्वरित चिकित्सा सेवा मिल सकेगी। यह कदम दूरदराज़ इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे न केवल थलीसैंण बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
थलीसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल में परिवर्तित करने के बाद, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा की भी व्यवस्था की है। अब अस्पताल परिसर में रहने की व्यवस्था से आपातकालीन परिस्थितियों में तत्काल उपचार मिल सकेगा और मरीजों की रूटीन स्वास्थ्य जांच में भी सुविधा होगी। यह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को किसी भी समय मरीजों के इलाज में संलग्न रहने की सुविधा मिलेगी। इससे मरीजों को त्वरित उपचार मिल सकेगा, खासकर उन परिस्थितियों में जब तत्काल इलाज की आवश्यकता हो। इसके साथ ही उप जिला अस्पताल बनने के बाद अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है, जिससे उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सकेगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से स्थानीय लोगों को बेहतर और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी। इसमें बाल रोग विशेषज्ञ, दंत रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, सर्जन, महिला चिकित्सा अधिकारी, आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी, पैथोलॉजिस्ट शामिल हैं। जिससे थलीसैंण, वीरोंखाल, पोखड़ा और पाबौ के आंशिक क्षेत्र की करीब एक लाख की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
एक लाख की आबादी को मिलेगा लाभ..
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत का कहना हैं कि थलीसैंण उप जिला चिकित्सालय के लिए सरकार ने 214.7 करोड़ की धनराशि मंजूर कर दी है। जिससे अस्पताल में अवस्थापना कार्यों के साथ ही चिकित्सा सुविधाओं को भी अपग्रेड किया जायेगा। इसका लाभ थलीसैंण सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की एक लाख से अधिक आबादी को मिलेगा।