
देहरादून और हल्द्वानी के खेल परिसरों को मिला नया नाम, खेल ढांचे का एकीकरण शुरू..
उत्तराखंड: राज्य सरकार ने राज्य में खेल सुविधाओं को संगठित और एकीकृत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के चार शहरों में मौजूद खेल ढांचों को एकीकृत कर नए नामों से पहचाना जाएगा। इस कड़ी में देहरादून के रायपुर क्षेत्र की सभी खेल अवस्थापनाओं को अब “रजत जयंती खेल परिसर” के नाम से जाना जाएगा। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में आधिकारिक शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य खेल सुविधाओं को सुव्यवस्थित करना, प्रशासनिक दृष्टिकोण से एकीकृत करना, और खिलाड़ियों के लिए बेहतर समन्वित वातावरण उपलब्ध कराना है। सरकार का मानना है कि इन परिसरों को नाम और संरचना देने से न केवल खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि खिलाड़ियों को एक समर्पित और पहचान युक्त माहौल भी प्राप्त होगा।
खेल मंत्री रेखा आर्या का कहना हैं कि रजत जयंती खेल परिसर में रायपुर देहरादून स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और अन्य सभी खेल अवस्थापनाएं शामिल होंगी। इसी तरह गौलापार हल्द्वानी स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, हॉकी ग्राउंड, तरण ताल, मल्टीपरपज हॉल व अन्य सभी खेल अवस्थनाओं को मिलाकर अब मानसखंड खेल परिसर के नाम से जाना जाएगा। सरकार द्वारा इन नामकरणों को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है और जल्द ही इन परिसरों को बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के स्तर पर भी अपग्रेड किया जाएगा।
रुद्रपुर स्थित मनोज सरकार स्टेडियम, साइकिलिंग वैलोड्रोम और अन्य खेल अवस्थनाओं को मिलाकर शिवालिक खेल परिसर नाम दिया गया है। इसी तरह हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम, मल्टीपरपज हॉल, तरण ताल और अन्य सभी खेल अवस्थनाओं को एकीकृत रूप से योगस्थली खेल परिसर के नाम से जाना जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इन सभी नामों को लेकर आधिकारिक शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों को एकीकृत और उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं देना और प्रशासनिक सुगमता सुनिश्चित करना है। ये सभी खेल परिसर अब न केवल आधुनिक सुविधाओं का केंद्र होंगे, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के प्रतीक भी बनेंगे।
नई स्पोर्ट्स लिगेसी प्लान (Sports Legacy Plan) के तहत सरकार खेल परिसरों में कई नई सुविधाएं लाने की तैयारी कर रही है। यहां राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचों की नियुक्ति भी की जाएगी। इसे देखते हुए खेल परिसरों को एकीकृत किया गया है। स्पोर्ट्स लिगेसी प्लान के तहत देश के कई राज्यों के खेल ढांचे का अध्ययन कर सबसे बेहतर कोचिंग और सपोर्टिंग स्टाफ का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है। इसमें साई जैसे संस्थानों की भी मदद ली जा रही है।