
कोटद्वार भाबर वासियों को मिली बड़ी राहत, मालन पुल का हुआ लोकार्पण, ऋतु खंडूड़ी ने किया लोकार्पण..
उत्तराखंड: सोमवार का दिन कोटद्वार भाबर क्षेत्र के निवासियों के लिए राहत की खबर लेकर आया। लंबे समय से प्रतीक्षित मालन नदी पर बने नए पुल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और आज इसका लोकार्पण विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधिवत रूप से किया। करीब दो वर्षों से लोग आवागमन की कठिनाइयों से जूझ रहे थे, लेकिन पुल चालू होने से अब सैकड़ों गांवों को सीधा संपर्क मार्ग मिल गया है। इस मौके पर स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की और सरकार का आभार व्यक्त किया। बता दे कि पुल के उद्घाटन समारोह में सीएम पुष्कर सिंह धामी को भी शामिल होना था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वे कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि यह पुल न सिर्फ यातायात की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय व्यापार और आपातकालीन सेवाओं के लिए भी वरदान साबित होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि क्षेत्र के अन्य लंबित विकास कार्यों को भी जल्द पूरा किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने पूजा-अर्चना के बाद रिबन काटकर पुल को जनता के लिए खोल दिया। इस पुल के शुरू होने से भाबर, हरिद्वार और लालढांग क्षेत्र के लिए यात्री और मालवाहक वाहनों की आवाजाही सुगम हो गई है। क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को अब रोजमर्रा की आवाजाही के लिए लंबे रास्ते नहीं नापने पड़ेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी समारोह में शरीक नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने जनता इंटर कॉलेज में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर जनता को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह पुल न सिर्फ आवागमन बल्कि क्षेत्रीय विकास की नई दिशा तय करेगा। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि सरकार जनता से किए वादों को निभा रही है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों को भरोसा दिलाया कि शेष अधूरे कार्य भी जल्द पूरे किए जाएंगे। स्थानीय नागरिकों ने पुल बनने पर सरकार और जनप्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
आपको बता दें कि 13 जुलाई, 2023 को बाढ़ व भूकटाव से क्षतिग्रस्त हुआ 325 मीटर स्पान का मालन पुल 26.75 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। बाढ़ व कटाव को देखते हुए इसके सभी 12 पिलरों को वेल तकनीक से बनाया गया है। इससे पूर्व आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों की ओर से मालन पुल पर बढ़ते वाहनों के दबाव, नदी के बहाव को देखते हुए पुल के सभी 12 पिलरों को वेल (कुंआ) तकनीक से बनाने की संस्तुति की गई थी। मालन पुल पर कुल 13 स्लैब थे। जिसमें एक स्लैब तब नदी में गिरने से टूट गया था। उसे नया बनाया गया। बाकी 12 स्लैब लिफ्ट व शिफ्ट तकनीक से हटाकर सुरक्षित रखे गए हैं। जिन्हें नए बने पिलरों पर शिफ्ट किया गया। एक स्लैब की लंबाई 25 मीटर व चौड़ाई करीब सात मीटर है। वजन भी 800 टन है, ऐसे में इन्हें दिल्ली मैट्राे पैनल की तर्ज पर लिफ्ट व शिफ्ट किया गया।