पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे हरिद्वार, ऑपरेशन सिंदूर सेनाओं के शौर्य का प्रतीक, देश के लिए गर्व की बात..
उत्तराखंड: भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को अपने दो दिवसीय हरिद्वार प्रवास पर पहुंचे। वह अपने परिवार के साथ कनखल स्थित हरिहर आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने आध्यात्मिक संतों से भेंट कर आशीर्वाद लिया। विशेष रूप से उन्होंने जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से मुलाकात की और संत परंपरा, धर्म और सामाजिक मूल्यों पर चर्चा की। इस दौरान आश्रम में साधु-संतों ने उनका वैदिक विधियों से स्वागत किया।रामनाथ कोविंद ने कहा कि हरिद्वार केवल तीर्थ नहीं, आत्मिक ऊर्जा का केंद्र है। उन्होंने आश्रम के वातावरण और संतों की साधना की सराहना की।
हरिद्वार प्रवास पर पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को हरिहर आश्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना करते हुए इसे भारतीय सेनाओं के अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा अभियान है, जिसे देश ही नहीं, दुनिया भी सदियों तक याद रखेगी। यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर बात करते हुए कहा कि यह देश के लिए बेहद आवश्यक और व्यावहारिक कदम है। उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों से विकास बाधित होता है। यदि पूरे देश में एक साथ चुनाव होंगे तो संसाधनों की बचत के साथ-साथ नीति-निर्माण और शासन में स्थिरता आएगी।
उन्होंने कहा कि यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो भारत की विकास गति और तेज हो जाएगी। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जो आज विश्व में चौथे नंबर की आर्थिक शक्ति है, वह ‘एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था लागू होने के बाद तीसरे नंबर की आर्थिक शक्ति बन सकता है। यह राष्ट्रहित में एक निर्णायक कदम होगा। कोविंद ने कहा कि लगातार चुनावों के कारण न केवल संसाधनों का दुरुपयोग होता है, बल्कि नीति-निर्माण और शासन व्यवस्था भी प्रभावित होती है। यदि एक साथ चुनाव होंगे तो “सरकारें पूरे कार्यकाल में विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। इस मौके पर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की भी सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय सेनाओं के शौर्य और पराक्रम की गाथा है, जिसे आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी।