
हरिद्वार भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर सख्त कार्रवाई, 10 अधिकारी निलंबित..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के अनुपालन में नगर निगम हरिद्वार में सामने आए भूमि घोटाले को लेकर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए 10 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो अन्य कार्मिकों का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है। सीएम धामी ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच सतर्कता विभाग (Vigilance Department) से कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि घोटाले में संलिप्त सभी व्यक्तियों की पहचान की जा सके और किसी भी दोषी को बख्शा न जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार की यह कार्रवाई सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, उक्त भूमि घोटाले से संबंधित विक्रय पत्र (Sale Deed) को निरस्त करते हुए भूस्वामियों को दिए गए धन की रिकवरी सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश भी दिए गए हैं।
सीएम धामी के स्पष्ट निर्देशों के क्रम में हरिद्वार नगर निगम में सामने आए भूमि घोटाले पर सख्त कार्रवाई की गई है। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए 10 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो कार्मिकों का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही सीएम धामी ने तत्कालीन नगर आयुक्त श्री वरुण चौधरी के कार्यकाल के दौरान नगर निगम हरिद्वार में किए गए सभी कार्यों का विशेष ऑडिट कराने के आदेश भी दिए हैं। यह ऑडिट विशेष रूप से वित्तीय अनियमितताओं की जांच पर केंद्रित होगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य के संसाधनों का दुरुपयोग न हो।सीएम ने दोहराया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर पूरी दृढ़ता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी इस प्रकार के मामलों में दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।