
मसूरी की सड़कों पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम ने एक परिवार के लिए दुखद घटना को जन्म दिया है। दिल्ली से मसूरी घूमने आए 62 वर्षीय कमल किशोर टंडन की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन भीड़भाड़ और जाम की वजह से समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाए। परिणामस्वरूप, रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। यह दुखद घटना 5 जून की है, जब कमल किशोर टंडन अपने परिवार के साथ मसूरी के मोतीलाल नेहरू रोड स्थित एक अपार्टमेंट में ठहरे हुए थे।
परिवार ने बताया कि अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और तुरंत उन्हें मेडिकल सहायता की आवश्यकता थी। उन्होंने एम्बुलेंस को बुलाया, लेकिन मसूरी की संकरी सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम की वजह से एम्बुलेंस काफी देर तक फंसी रही। इस देरी के कारण जरूरी इलाज नहीं हो पाया और अस्पताल पहुंचने से पहले ही कमल किशोर की मौत हो गई।
मसूरी में इस तरह के ट्रैफिक जाम की समस्या आम है, खासकर छुट्टियों और त्योहारों के मौसम में, जब शहर में भारी भीड़ होती है। स्थानीय प्रशासन ने भी इस समस्या को लेकर कई बार सुधार के प्रयास किए हैं, लेकिन जाम को पूरी तरह से कम नहीं किया जा सका है। इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन और यातायात प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परिवार का कहना है कि अगर समय पर रास्ता साफ होता और एम्बुलेंस को जल्दी अस्पताल पहुंचाया जाता, तो कमल किशोर की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मसूरी के ट्रैफिक जाम को जल्द से जल्द नियंत्रित करने और आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेष मार्ग सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
यह घटना मसूरी के पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ और अव्यवस्थित यातायात प्रबंधन की गंभीर समस्या को उजागर करती है, जो न केवल यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनती है बल्कि कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है।