
उत्तराखंड की सीमाओं पर लगाए गए एएनपीआर कैमरे, बाहरी वाहनों से फास्टैग के जरिये ऑटोमैटिक कटेगा ग्रीन सेस..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में अब राज्य सीमा में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों पर ग्रीन सेस लगना सुनिश्चित कर दिया गया है। परिवहन विभाग ने ग्रीन सेस वसूली को सख्ती से लागू करने के लिए ऑटोमैटिक कैमरा ट्रैकिंग सिस्टम को सक्रिय किया है। अब अगर कोई वाहन एक कैमरे से बचने की कोशिश करता है, तो अगले कैमरे की नजर से नहीं बच पाएगा। यानी राज्य में घुसते ही वाहन का नंबर प्लेट स्कैन हो जाएगा और ग्रीन सेस की कटौती स्वतः दर्ज हो जाएगी। एक बार कटे हुए ग्रीन सेस की वैधता 24 घंटे तक रहेगी। इस दौरान वाहन पर दोबारा सेस नहीं लिया जाएगा, लेकिन इससे बचने या धोखाधड़ी की कोई भी कोशिश ट्रैकिंग सिस्टम में तुरंत पकड़ में आ जाएगी। परिवहन विभाग का यह कदम राज्य के पर्यावरण संरक्षण और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। साथ ही इससे राजस्व में पारदर्शिता और बाहरी वाहनों की निगरानी भी पहले से बेहतर हो सकेगी।
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस वसूली की प्रक्रिया इस महीने के आखिर तक शुरू हो जाएगी। इसके लिए परिवहन मुख्यालय ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। चुनी गई एजेंसी और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के बीच समझौता हो चुका है, और अब इसे वाहन पोर्टल से भी जोड़ा जा रहा है। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने जानकारी दी कि जैसे ही कोई बाहरी राज्य का वाहन उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करेगा, वहां लगे उन्नत कैमरों की मदद से उसका ग्रीन सेस स्वतः कट जाएगा। यह प्रणाली पूरी तरह ऑटोमैटिक और रियल टाइम ट्रैकिंग पर आधारित होगी। ग्रीन सेस की 24 घंटे की वैधता होगी, यानी एक बार भुगतान के बाद उस दिन दोबारा शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन यह व्यवस्था किसी भी तरह की चोरी या चूक की संभावना को समाप्त कर देगी, क्योंकि एक कैमरे से छूटने पर अगला कैमरा उसे ट्रैक कर लेगा। यह प्रणाली न केवल राज्य के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि राजस्व पारदर्शिता और ट्रैफिक निगरानी में भी अहम भूमिका निभाएगी। जल्द ही पूरे प्रदेश में यह सुविधा प्रभावी ढंग से लागू कर दी जाएगी।
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस वसूली अब पूरी तरह ऑटोमैटिक हो जाएगी। इसके लिए राज्य की सभी सीमाओं पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा चुके हैं। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने जानकारी दी कि जैसे ही कोई बाहरी वाहन कैमरे की नजर में आएगा, उसका ग्रीन सेस सीधे फास्टैग खाते से कट जाएगा। यह प्रक्रिया बिना किसी रोक-टोक के डिजिटल और तत्काल होगी। अगर कोई वाहन किसी कारणवश एक कैमरे से बच भी जाता है, तो अगले कैमरे से उसका सेस कटना सुनिश्चित होगा। यानी राज्य में घुसते ही वाहन किसी न किसी कैमरे की पकड़ में आ ही जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार सेस कटने के बाद वह 24 घंटे तक वैध रहेगा। इस अवधि में वाहन पर दोबारा सेस नहीं लगेगा। लेकिन यदि 24 घंटे बाद फिर से वाहन उत्तराखंड में प्रवेश करता है, तो फिर से ग्रीन सेस की कटौती होगी। यह व्यवस्था फास्टैग सिस्टम से पूरी तरह लिंक होगी और इसका मकसद है राज्य में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना, ट्रैफिक व्यवस्था मजबूत करना और राजस्व पारदर्शिता सुनिश्चित करना। परिवहन विभाग के अनुसार, यह नई प्रणाली इस महीने के अंत तक पूरी तरह से लागू हो जाएगी।
इतना वसूला जाएगा ग्रीन सेस
भारी वाहन-3 एक्सल 450, भारी वाहन- 4 से 6 एक्सल 600, 7 एक्सल या इससे अधिक 700, मध्यम और भारी माल वाहन(7.5-18.5 टन) 250, हल्के माल वाहन(3-7.5 टन) 120 डिलीवरी वैन(3 टन तक) 80, भारी निर्माण उपकरण वाहन 250, बस(12 सीट से अधिक) 140, मोटर कैब, मैक्सी कैब और पैसेंजर कार 80