
निलंबित IAS वरुण चौधरी के कार्यकाल का विशेष ऑडिट, एक माह में मांगी गई रिपोर्ट..
उत्तराखंड: नगर निगम हरिद्वार में जमीन घोटाले से जुड़ी जांच अब और तेज हो गई है। निलंबित IAS अधिकारी वरुण चौधरी के कार्यकाल का स्पेशल ऑडिट कराया जाएगा। इस संबंध में वित्त विभाग के अपर सचिव हिमांशु खुराना ने आदेश जारी कर दिए हैं। यह ऑडिट विशेष रूप से उनके नगर आयुक्त रहते हुए लिए गए निर्णयों और संपत्ति से संबंधित मामलों की वित्तीय जांच करेगा। वरुण चौधरी पर भूमि घोटाले में संलिप्त होने के आरोप हैं। उनके कार्यकाल में नगर निगम की जमीनों के आवंटन और लीज पर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं। अब विशेष ऑडिट से उन सभी वित्तीय दस्तावेजों और प्रक्रिया की गहराई से पड़ताल की जाएगी। राज्य सरकार इस पूरे मामले को गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए शून्य सहिष्णुता की नीति पर कार्रवाई कर रही है। सूत्रों का कहना है कि ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर न सिर्फ विभागीय कार्रवाई, बल्कि विधिक कार्रवाई भी संभव है।
नगर निगम हरिद्वार में हुए कथित जमीन घोटाले की जांच ने अब गंभीर मोड़ ले लिया है। नवंबर 2023 से 20 मार्च 2025 तक नगर आयुक्त रहे निलंबित IAS अधिकारी वरुण चौधरी के कार्यकाल के दौरान किए गए सभी कार्यों का विशेष ऑडिट (Special Audit) कराने का निर्णय लिया गया है। यह कदम सरकार की ओर से शून्य सहिष्णुता नीति के तहत उठाया गया है। वरुण चौधरी को मार्च 2025 में नगर निगम हरिद्वार से स्थानांतरित कर अपर सचिव पद पर शासन में नियुक्त किया गया था, लेकिन इसके कुछ समय बाद ही उन पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे, जिनमें नगर निगम की भूमि आवंटन और वित्तीय लेन-देन से जुड़े मामले शामिल हैं। मामले में वित्त विभाग के अपर सचिव हिमांशु खुराना ने लेखा परीक्षा निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे एक विशेष टीम गठित कर एक महीने के भीतर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करें। ऑडिट में चौधरी के कार्यकाल में हुए सभी निर्माण, भूमि हस्तांतरण, टेंडर आवंटन और वित्तीय लेनदेन की बारीकी से जांच होगी।
हरिद्वार नगर निगम में जमीनों की खरीद-फरोख्त में हुए बड़े घोटाले के मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले में संलिप्तता के आरोप में तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, नगर आयुक्त वरुण चौधरी, और उस समय के एसडीएम अजयवीर सिंह समेत 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बीते सप्ताह राज्य सरकार द्वारा की गई थी। सूत्रों के अनुसार निलंबित IAS अधिकारी कर्मेंद्र सिंह और वरुण चौधरी को जल्द ही कार्मिक विभाग द्वारा आरोप पत्र (Charge Sheet) सौंपा जाएगा। दोनों अधिकारियों को इस समय शासन में कार्मिक विभाग से संबद्ध किया गया है, जहां से उन्हें आरोपों का विस्तृत ब्यौरा दिया जाएगा और उनका लिखित जवाब मांगा जाएगा। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकरण में ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई जा रही है। विशेष ऑडिट पहले ही आदेशित किया जा चुका है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद विभागीय और आपराधिक दोनों स्तरों पर कार्रवाई की जाएगी।