
मतदाता सूची की शुद्धता सर्वोपरि, बीएलओ निभाएं सक्रिय भूमिका- निर्वाचन आयोग..
उत्तराखंड: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शुक्रवार को चमोली तहसील में एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आयोग के अवर सचिव दिलीप महतो ने की। इस दौरान आयोग के 8 सदस्यीय दल ने क्षेत्र के दूरस्थ मतदेय स्थलों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान चुनाव से संबंधित तैयारियों, आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता और मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। आयोग के अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक कर मतदाता सुविधाओं को सुदृढ़ करने और निष्पक्ष चुनाव की तैयारी सुनिश्चित करने पर बल दिया। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि दुर्गम क्षेत्रों में मतदाता निर्बाध रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, इसके लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सपोर्ट व संसाधनों की उपलब्धता पर फोकस किया जाए।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आयोजित प्रशिक्षण सत्र के दौरान अवर सचिव दिलीप महतो ने बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) और बीएलओ सुपरवाइजरों को आगामी निर्वाचन कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया। सत्र में मतदाता सूची से नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन और स्थानांतरण (ट्रांसफर) की प्रक्रिया के साथ-साथ दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा और ई-पंजीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। अपर सचिव ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मतदाता सूची की शुद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि घर-घर जाकर सत्यापन कार्य में कोई कोताही न बरती जाए और यह कार्य पूर्ण निष्ठा और पारदर्शिता से किया जाए। प्रशिक्षण के दौरान अवर सचिव ने कहा कि ई-पंजीकरण प्रणाली से मतदाताओं को घर बैठे नामांकन और बदलाव की सुविधा मिलेगी, जिससे प्रक्रिया अधिक सरल और प्रभावी बनेगी। वहीं, दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा केंद्र और सहायक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
प्रशिक्षण के दौरान अपर सचिव ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और सुचारु रूप से संपन्न कराने में क्षेत्रीय कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग का उद्देश्य है कि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो और कोई भी पात्र मतदाता वंचित न रहे। इसके लिए बीएलओ की सक्रियता और जिम्मेदारीपूर्ण कार्यशैली अनिवार्य है। प्रशिक्षण सत्र में नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन और ट्रांसफर की प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा और ई-पंजीकरण प्रणाली को लेकर भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अपर सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घर-घर जाकर सत्यापन कार्य में कोई कोताही न बरती जाए और मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त आयोग की 8 सदस्यीय टीम ने चमोली के दूरस्थ मतदेय स्थलों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस दौरान मूलभूत सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय, बिजली व रैंप आदि की उपलब्धता का भी जायजा लिया गया।