
नैनीताल की विश्वप्रसिद्ध नैनीझील समेत भीमताल, नौकुचियाताल और सातताल झीलों का पानी अब सीधे पीने योग्य नहीं रहा। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में की गई जल गुणवत्ता जांच में इन सभी झीलों के साथ-साथ शिप्रा, गौला, कोसी और सरयू नदियों का पानी मध्यम स्तर पर प्रदूषित (B ग्रेड) पाया गया है।
जून माह में लिए गए सैंपल्स को जांच के लिए देहरादून स्थित लैब में भेजा गया था। रिपोर्ट में साफ हुआ कि चारों झीलों और प्रमुख नदियों के पानी में प्रदूषण स्तर इस हद तक बढ़ चुका है कि यह सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए तो उपयुक्त हो सकता है, लेकिन बिना ट्रीटमेंट सीधे पीना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि झीलों और नदियों में कचरा, सीवरेज और पर्यटन से उत्पन्न अवशिष्ट पदार्थों के कारण पानी की गुणवत्ता तेजी से गिर रही है। यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति भविष्य में और गंभीर हो सकती है।