July 12, 2025
cm d

मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सीएम धामी ने उठाए उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से जुड़े अहम मुद्दे

 

उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में प्रतिभाग किया। इस बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। बैठक में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय समेत संबंधित राज्यों के मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। मध्य क्षेत्रीय परिषद की इस बैठक में क्षेत्रीय सहयोग, आपसी समन्वय, सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास, सीमावर्ती क्षेत्रों की समस्याएं और आंतरिक सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों से जुड़े सुझाव और आवश्यकताओं को साझा किया। सीएम धामी ने बैठक में उत्तराखंड से संबंधित प्राथमिकताओं को प्रमुखता से रखा और राज्यों के बीच समन्वय और संसाधनों के साझा उपयोग की वकालत की। उन्होंने सीमा क्षेत्रों के विकास, आपदा प्रबंधन, और इंटरस्टेट ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी को लेकर भी सुझाव दिए।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा एक सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है। इसलिए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, संचार, सुरक्षा एवं रसद आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं का सुदृढ़ विकास अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इन क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता दी जाए, ताकि रक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाकों में जनसंख्या बनी रहे और सीमाएं मजबूत हों। सीएम ने यह भी रेखांकित किया कि सीमांत गांवों को खाली होने से रोकना और वहां सतत आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना राष्ट्रीय हित में है। बैठक में क्षेत्रीय समन्वय, आंतरिक सुरक्षा, बुनियादी ढांचा विकास जैसे मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा हुई।

वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सीमांत क्षेत्रों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा एक सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है, जहां सड़क, संचार, सुरक्षा और रसद आपूर्ति जैसी सुविधाओं का सुदृढ़ होना आवश्यक है। उन्होंने सीमा सड़क संगठन (BRO) के माध्यम से उत्तराखंड को और अधिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की। सीएम ने ‘वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम’ के अंतर्गत सीमावर्ती गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पलायन रोकने, स्थानीय आबादी को टिकाए रखने और सीमाओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है। संचार सुविधाओं के विकास की दिशा में उन्होंने भारत नेट योजना, 4-जी विस्तार परियोजना, तथा उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया, ताकि दुर्गम इलाकों में भी लोगों को संवाद और डिजिटल सेवाओं की बेहतर पहुंच मिल सके।

सीएम ने बैठक में उत्तराखंड राज्य के हित में केंद्र सरकार से कुछ नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के केंद्रीय अनुदान का आवंटन एकमुश्त किये जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कुशल संचालन हेतु अतिरिक्त सहयोग प्रदान करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अध्ययन के लिए राज्य में एक उच्चस्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना किये जाने और जैव विविधता संरक्षण संस्था की स्थापना के लिए भी केंद्र से तकनीकी सहयोग की मांग की। राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में नंदा राजजात यात्रा और 2027 में कुम्भ मेले के सफल एवं भव्य आयोजन हेतु केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग प्रदान करने का भी आग्रह किया।

सीएम ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखण्ड राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की जटिल भौगोलिक परिस्थिति तथा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियाँ सीमित हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों एवं सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ ही इस वर्ष जारी केयर एज रेटिंग रिपोर्ट में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में भी उत्तराखण्ड को दूसरा स्थान मिला है।

राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून, भू-कानून बनाकर उत्तराखण्ड को समरस एवं सुरक्षित राज्य बनाने हेतु कार्य किये जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल, विरासत एवं संस्कृति, शिक्षा एवं कौशल, सहभागिता तथा आत्मनिर्भरता के सूत्रों को आत्मसात करते हुए प्रदेश के लगभग तीन लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के विभिन्न माध्यमों से जोड़ने की महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की गई है। उत्तराखंड को आयुष तथा वेलनेस हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में देश की पहली ’’योग नीति’’ का शुभारंभ भी किया गया है। राज्य में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करने का निर्णय भी लिया गया है। इन प्रयासों और राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने में केन्द्र सरकार द्वारा भरपूर समर्थन और सहयोग मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की विगत वर्षों की बैठकों में अनेकों महत्वपूर्ण नीतिगत एवं अंतर्राज्यीय विषयों के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। देश में सहकारिता, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गृह मंत्री के प्रयासों से भारत आंतरिक रूप से कहीं अधिक सुरक्षित, संगठित और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है।

 

 

 

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *