July 12, 2025
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लोकतंत्र सेनानियों के हित में बड़ा कदम, सीएम धामी ने नोडल अधिकारी नियुक्ति और अधिनियम लाने के दिए निर्देश..

 

उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि आगामी विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण और हित में विशेष विधेयक लेकर आएगी। इस विधेयक के माध्यम से लोकतंत्र सेनानियों को दी जाने वाली सम्मान निधि को बढ़ाया जाएगा और उसकी प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जाएगा। सीएम अपने सरकारी आवास मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान मीसा एवं डीआईआर के तहत बंदी बनाए गए लोकतंत्र सेनानियों से संवाद कर रहे थे। यह कार्यक्रम आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित संविधान हत्या दिवस के तहत हुआ। सीएम ने इस दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले सेनानियों और उनके परिजनों का स्वागत और अभिनंदन भी किया। सीएम ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बचाने के लिए जिन्होंने संघर्ष किया, वे आज के लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी हैं। सरकार उनके सम्मान और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम धामी ने आपातकाल के दौरान मीसा व डीआईआर के तहत बंदी बनाए गए लोकतंत्र सेनानियों के हितों की रक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आगामी मानसून सत्र में लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण के लिए विशेष अधिनियम लाने की तैयारी कर रही है। सीएम ने अपने आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। लोकतंत्र सेनानियों ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, वह हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उनकी सुविधा और सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था, जिसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा। हमारी सरकार लोकतंत्र सेनानियों की प्रत्येक समस्या के समाधान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। हम राष्ट्र के प्रति आपके अतुलनीय योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिवर्ष लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।

सीएम धामी ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम में कहा कि 25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। इस दिन देश पर जबरन आपातकाल थोपा गया, जो संविधान की आत्मा को कुचलने और लोकतांत्रिक मूल्यों को समाप्त करने का प्रयास था।सीएम धामी ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम एक व्यक्ति की हठधर्मिता और तानाशाही प्रवृत्ति का परिणाम था, जिसने समूचे लोकतांत्रिक ढांचे को चुनौती दी। सीएम ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण, नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेताओं को याद करते हुए कहा कि इन महापुरुषों ने जेलों में रहते हुए भी लोकतंत्र के लिए संघर्ष जारी रखा और युवाओं में लोकतांत्रिक चेतना जाग्रत की।

सीएम धामी ने कहा कि आपातकाल के काले अध्याय और लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई है। यह दिवस आपातकाल के उस दौर की याद दिलाता है जब संविधान, मौलिक अधिकार और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कुठाराघात किया गया था। जिन लोगों ने उस कठिन समय में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया, उन्हें सम्मानित करना केवल कर्तव्य नहीं, बल्कि एक संस्थागत परंपरा बननी चाहिए। उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य से लिए जा रहे निर्णय देशभर में प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं। हम हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, सचिव शैलेश बगौली, लोकतंत्र सेनानी कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रेम बड़ाकोटी तथा बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी और उनके परिजन मौजूद रहे।

 

 

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