
उत्तराखंड में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर एफडीए सख्त, दुकानों और फैक्ट्रियों से नमूने लेकर होगी जांच..
उत्तराखंड: प्रदेश में दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर अब सख्ती बरती जाएगी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभाग की ओर से राज्यभर में निरीक्षण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें फार्मा कंपनियों और दवा विक्रेताओं की गहन जांच की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश के निर्देश पर अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने सभी वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर दवा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एफडीए अधिकारियों के अनुसार हाल ही में कुछ स्थानों पर नकली व निम्न गुणवत्ता की दवाओं की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश में जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और भरोसे को बनाए रखना है।
इस अभियान के तहत दवा दुकानों, गोदामों और फार्मा फैक्ट्रियों से औषधियों के नमूने एकत्र किए जाएंगे, जिन्हें राजकीय विश्लेषक के पास जांच के लिए भेजा जाएगा। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश के निर्देश पर अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने सभी वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अभियान में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाए। एफडीए अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी दवा में मानकों से कोई गंभीर विचलन पाया गया, तो संबंधित कंपनी के विरुद्ध दवा एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे केवल लाइसेंसी और प्रमाणित दवा दुकानों से ही दवाएं खरीदें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। अभियान का उद्देश्य प्रदेशवासियों को सुरक्षित, प्रभावी और गुणवत्ता युक्त दवाएं उपलब्ध कराना है।
संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया..
उत्तराखंड की फार्मा कंपनियों के नाम का अवैध इस्तेमाल कर नकली दवाओं का निर्माण करने के मामलों का खुलासा होने के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभाग सतर्क हो गया है। अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व अन्य राज्यों में उत्तराखंड की कंपनियों के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में यह सामने आया है कि तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कुछ गिरोह उत्तराखंड की फार्मा कंपनियों के नाम पर नकली औषधियों का निर्माण कर रहे हैं। यह गंभीर अपराध है, जिससे जन स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार के महा औषधि नियंत्रक के निर्देश पर संबंधित राज्यों के औषधि नियंत्रकों के साथ मिलकर संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इन अभियानों में राज्य एफडीए की टीमें भी लगातार निगरानी कर रही हैं। एफडीए ने फार्मा कंपनियों और दवा वितरकों से अपील की है कि वे अपने ब्रांड नाम और पैकेजिंग की सतत निगरानी करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें।
53 मामले दर्ज 89 आरोपी गिरफ्तार
प्रदेश में नकली और मानकों पर खरा न उतरने वाली दवाओं के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत 2023 से 2025 के बीच अब तक 53 मामले दर्ज किए गए हैं और 89 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन मामलों में कई अंतरराज्यीय गिरोहों के सदस्य भी शामिल हैं। अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि कार्रवाई के दौरान 33 फार्मा कंपनियों को उत्पादन बंद करने के नोटिस भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) और नकली दवाओं से जुड़े मामलों में 65 से अधिक व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है।