
पॉक्सो पीड़ित बच्चों को भी मिलेगी आर्थिक मदद, उत्तराखंड सरकार ने अपराध से पीड़ित सहायता योजना में किया संशोधन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2013 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि अब पॉक्सो (POCSO) के तहत दर्ज मामलों में लैंगिक हमलों के शिकार बालकों को भी मुआवजा दिया जाएगा। संशोधित प्रावधान के अनुसार पीड़ितों को अपराध की प्रकृति के आधार पर 20 हजार रुपये से लेकर सात लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का कहना है कि इस कदम से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को न्यायिक प्रक्रिया के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सहयोग भी मिल सकेगा।
उत्तराखंड में वर्ष 2013 से संचालित हो रही अपराध से पीड़ित सहायता योजना में एक बार फिर संशोधन किया गया है। इससे पहले इस योजना में वर्ष 2014 और वर्ष 2016 में बदलाव किए गए थे। अब पॉक्सो कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में राज्य सरकार ने योजना को और व्यापक बनाया है। बुधवार को कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार ने “उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2025” को अधिसूचित किया है। संशोधित प्रावधान के तहत अब पॉक्सो एक्ट के मामलों में बालक पीड़ितों को भी सहायता राशि दी जाएगी। योजना के तहत पीड़ितों को अपराध की प्रकृति के आधार पर 20 हजार रुपये से सात लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिल सकेगी।
सरकार ने अपराध से पीड़ित सहायता योजना में बड़ा बदलाव किया है। इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य पॉक्सो अधिनियम-2012 (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) के तहत अपराध के शिकार बच्चों को प्रभावी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। नई अधिसूचना “उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना-2025” के तहत अब बालक पीड़ितों को भी सहायता राशि दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए राशि का निर्धारण किया है। सरकार का कहना है कि यह संशोधित योजना बच्चों को शीघ्र, न्यायसंगत और पर्याप्त वित्तीय सहयोग सुनिश्चित करेगी। साथ ही यह न्याय प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने में मददगार साबित होगी।
इस तरह दी जाएगी सहायता राशि
प्रवेशन लैंगिक हमला (पॉक्सो एक्ट की धारा–4)- एक लाख से सात लाख रुपये
गंभीर प्रवेशन लैंगिक हमला (पॉक्सो एक्ट की धारा–6)-एक लाख से सात लाख रुपये
लैंगिक हमला (पॉक्सो एक्ट की धारा–7)-50 हजार रुपये से एक लाख रुपये
गंभीर लैंगिक हमला (पॉक्सो एक्ट की धारा–9)-50 हजार से दो लाख रुपये
लैंगिक उत्पीड़न (पॉक्सो एक्ट की धारा–11)-20 हजार से एक लाख रुपये
अश्लील प्रयोजनों के लिए बालक का उपयोग-(पॉक्सो एक्ट की धारा–14)-50 हजार से एक लाख रुपये