November 18, 2025
सीएम धामी ने लॉन्च किया ‘हैलो हल्द्वानी 91.2 एफएम’ ऐप, शिक्षा और संस्कृति को नई पहचान..

सीएम धामी ने लॉन्च किया ‘हैलो हल्द्वानी 91.2 एफएम’ ऐप, शिक्षा और संस्कृति को नई पहचान..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से हैलो हल्द्वानी 91.2 एफ.एम. सामुदायिक रेडियो मोबाइल एप का लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश के शिक्षा और संस्कृति क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने शिक्षा को दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुँचाने और आधुनिक तकनीक से नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। सामुदायिक रेडियो एप इसी कड़ी में एक नई शुरुआत है, जो प्रदेश के विद्यार्थियों और आम जनता को ज्ञान, सूचना और संस्कृति से जोड़ने का काम करेगा। सीएम ने विश्वास व्यक्त किया कि यह एप देश और प्रदेश के प्रत्येक कोने तक पहुँचकर समाज एवं संस्कृति की आवाज को और अधिक सशक्त करेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल स्थानीय बोली-बानी और संस्कृति को संरक्षित करने में मददगार होगी, बल्कि युवाओं को भी अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करेगी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से यह प्रयास खास तौर पर दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। मोबाइल एप के माध्यम से वे कहीं भी बैठकर शैक्षणिक सामग्री, चर्चाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम सुन सकेंगे। सीएम धामी ने कहा कि सरकार लगातार शिक्षा और तकनीक को जोड़ने की दिशा में काम कर रही है। ‘हैलो हल्द्वानी’ एप इस दिशा में एक नवाचारपूर्ण कदम है, जो प्रदेश को डिजिटल माध्यम से और भी मजबूत बनाएगा।

सीएम धामी का कहना हैं कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन को दिशा देने और आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार है। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी 13 जनपदों में उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास केंद्र स्थापित करने की पहल की है। इन केंद्रों के माध्यम से युवाओं को सिर्फ पारंपरिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि रोजगारपरक कौशल भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे छात्र-छात्राएं व्यावहारिक ज्ञान के साथ आधुनिक तकनीक और कौशल से भी सशक्त होंगे। सीएम ने विश्वास जताया कि जब विश्वविद्यालय और कौशल विकास केंद्र मिलकर कार्य करेंगे तो उत्तराखंड के युवा नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे। यह बदलाव प्रदेश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना को नई दिशा देगा। यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करने में उत्तराखंड की अहम भूमिका सुनिश्चित करेगा। शिक्षा और कौशल विकास को जोड़कर राज्य सरकार युवाओं को न सिर्फ आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि उन्हें उद्यमिता और नवाचार के नए अवसर भी प्रदान कर रही है। आज का समय केवल डिग्री लेने का नहीं, बल्कि कौशल और नवाचार से खुद को भविष्य के लिए तैयार करने का है। इसी दिशा में सरकार के प्रयास उत्तराखंड को शिक्षा और कौशल के हब के रूप में पहचान दिलाएंगे।

राज्य सरकार ने देहरादून में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का एक प्रमुख केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह केंद्र केवल शिक्षा और प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह शोध, नवाचार और डिजिटल शिक्षा का हब बनकर उभरेगा। यह केंद्र भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है, जहाँ विद्यार्थियों को न केवल पारंपरिक शिक्षा बल्कि डिजिटल और आधुनिक तकनीक से जुड़े प्रशिक्षण भी मिलेंगे। यह पहल प्रदेश के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के नए अवसरों से जोड़ेगी। कार्यक्रम में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान विश्वविद्यालय की ओर से आपदा राहत कार्यों में सहयोग करते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 1 लाख 49 हजार रुपये का चेक मुख्यमंत्री को भेंट किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, कुलसचिव श्री खेमराज भट्ट सहित विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने विश्वविद्यालय की इस पहल को प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया।

 

 

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