विद्युत आपूर्ति फिर पटरी पर आने में उत्तराखंड को करना होगा लंबा इंतजार..

विद्युत आपूर्ति फिर पटरी पर आने में उत्तराखंड को करना होगा लंबा इंतजार..

उत्तराखंड: उत्तराखंड में हाल ही में आई आपदा ने राज्य के बिजली तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया है। यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड) ने कहा कि बिजली व्यवस्था को पहले जैसी स्थिति में लौटाने में अभी करीब 15 दिन और लगेंगे। हालांकि विभाग ने आपातकालीन हालात से निपटने के लिए अस्थायी व्यवस्था के तहत बिजली आपूर्ति सुचारू कर दी है, लेकिन कई स्थानों पर मरम्मत का काम अभी भी जारी है। यूपीसीएल ने बताया कि आपदा ने पावर सिस्टम को भारी झटका दिया है। लगभग 1,070 किलोमीटर विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हुईं। साथ ही 5,988 पोल प्रभावित हुए। करीब 419 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए या बह गए। कुल नुकसान 51.71 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ। आपदा के दौरान कई इलाकों में पावर ब्रेकडाउन की स्थिति बनी रही। हालांकि अब अन्य स्थानों से अस्थाई व्यवस्था कर आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लेकिन पूरी मरम्मत और प्रणाली को स्थायी रूप से पटरी पर लाने में अभी समय लगेगा। यूपीसीएल ने जनता से अपील की है कि वे इस दौरान बिजली का सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग करें और विभाग की मरम्मत टीमों को काम करने में सहयोग दें।

यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड) के एमडी अनिल यादव ने कहा कि भूस्खलन, बाढ़ और प्राकृतिक आपदा की अन्य घटनाओं के कारण खंभे गिरने, तार टूटने और ट्रांसफार्मर खराब होने की समस्याएं सामने आई हैं। इसके अलावा शार्ट सर्किट और पेड़ गिरने से कई फीडर भी प्रभावित हुए। अनिल यादव ने कहा कि चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून और उत्तरकाशी जिलों में बड़े पैमाने पर पावर ब्रेकडाउन की स्थिति बनी। विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के जरिए बिजली आपूर्ति बहाल की है, लेकिन ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक पहुंच बनाने में अभी भी चुनौतियां हैं। यूपीसीएल की मरम्मत टीम सभी प्रभावित जगहों पर पहुंचकर काम कर रही है। हालांकि कई स्थानों पर सड़क धंसने या बहने की वजह से टीम अभी तक पहुंच नहीं पा रही है। विभाग का अनुमान है कि बिजली प्रणाली को स्थायी रूप से पटरी पर लाने में लगभग 15 दिन का समय लगेगा। यूपीसीएल के अनुसार आपदा ने राज्य के पावर सिस्टम को भारी क्षति पहुंचाई है, जिसमें विद्युत लाइनें टूटना, पोल और ट्रांसफार्मर प्रभावित होना शामिल है। कुल नुकसान 51.71 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है।

 

 

 

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