November 12, 2025
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन्यजीव सप्ताह 2025 में पांच नई राष्ट्रीय परियोजनाओं की शुरुआत की..

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन्यजीव सप्ताह 2025 में पांच नई राष्ट्रीय परियोजनाओं की शुरुआत की..

 

उत्तराखंड: केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि वन्यजीव संरक्षण केवल कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और लोगों के बीच संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने की साझा जिम्मेदारी है। यह बात मंत्री ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के सभागार में आयोजित वन्यजीव सप्ताह 2025 समारोह के दौरान कही। इस वर्ष के समारोह की थीम थी “मानव-वन्यजीव सह अस्तित्व आधारित संरक्षण”, जो यह दर्शाती है कि मानव और वन्यजीवों का सह-अस्तित्व और पारिस्थितिक संतुलन दोनों के लिए आवश्यक है। भूपेंद्र यादव ने अपने संबोधन में कहा कि वन्यजीव संरक्षण केवल कानूनी दायित्व या सामाजिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और मानव जीवन के बीच सामंजस्य बनाए रखने का मार्ग भी है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और वनकर्मियों से सतत प्रयासों और जागरूकता अभियान जारी रखने का आग्रह किया। मंत्री ने यह भी जोर दिया कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी वन्यजीव संरक्षण में अहम भूमिका निभाती है और इसके बिना संरक्षण प्रयास पूर्ण नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि सरकार वन्यजीवों के आवास, जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के लिए नई नीतियां और योजनाएं लगातार तैयार कर रही है। वन्यजीव सप्ताह 2025 के इस आयोजन में देशभर के वन अधिकारी, वैज्ञानिक और पर्यावरण विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने मानव-वन्यजीव सह अस्तित्व के महत्व पर चर्चा की और आगामी संरक्षण कार्यक्रमों पर विचार साझा किए।

केंद्रीय वन मंत्री यादव ने कहा कि वन्यजीव प्रबंधन में नवाचार के साथ तकनीक का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही समुदाय आधारित दृष्टिकोण भी अपनाया जाए। संरक्षण के प्रयास में सभी हितधारकों की साझेदारी को मजबूत किया जाए। केंद्रीय वन मंत्री ने पांच राष्ट्रीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इसमें प्रोजेक्ट स्लॉथ बियर, घड़ियाल के तहत संरक्षण के लिए कार्यान्वयन कार्य योजना और मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ किया। इसके अलावा प्रोजेक्ट डॉल्फिन फेज-2 और टाइगर्स आउटसाइड टाइगर रिजर्व का भी शुभारंभ हुआ। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं वन्यजीव संरक्षण में तकनीकी नवाचार, समुदाय की भागीदारी और समग्र प्रबंधन को मजबूत करेंगी। उन्होंने अधिकारियों और वनकर्मियों से अपील की कि इन परियोजनाओं को सफलता पूर्वक लागू करने के लिए सतत प्रयास करें। यह आयोजन मानव-वन्यजीव सह अस्तित्व आधारित थीम के तहत आयोजित किया गया और इसमें देशभर के वन अधिकारी, वैज्ञानिक और संरक्षण विशेषज्ञ शामिल हुए।

 

इस दौरान भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने इससे जुड़े प्रस्तुतिकरण भी दिए। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्रजाति जनसंख्या आकलन और निगरानी कार्यक्रमों के लिए चार राष्ट्रीय स्तर की कार्य योजनाओं और फील्ड गाइड्स का भी अनावरण किया। इसमें रिवर डॉल्फिन और अन्य प्रजाति की जनसंख्या आकलन फेज-2 और हिम तेंदुआ संख्या आकलन फेज-2 और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और लेसर फ्लोरिकन की जनसंख्या आकलन पर प्रगति रिपोर्ट का विमोचन किया। इसके अलावा अखिल भारतीय बाघ आकलन चक्र-6 का फील्ड गाइड का विमोचन भी किया। यह आठ भाषाओं में है। कार्यक्रम में मानव-वन्यजीव संघर्ष सह-अस्तित्व पर राष्ट्रीय हैकथॉन के फाइनलिस्टों को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान एफआरआई, डब्ल्यूआईआई, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी और वन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

इस अवसर पर भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के वैज्ञानिकों ने संरक्षण और प्रजाति प्रबंधन से जुड़े प्रस्तुतिकरण दिए। केंद्रीय मंत्री ने प्रजाति जनसंख्या आकलन और निगरानी कार्यक्रमों के लिए चार राष्ट्रीय स्तर की कार्य योजनाओं और फील्ड गाइड का अनावरण किया। इसमें रिवर डॉल्फिन और अन्य प्रजाति की जनसंख्या आकलन फेज-2 और हिम तेंदुआ संख्या आकलन फेज-2 और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और लेसर फ्लोरिकन की जनसंख्या आकलन पर प्रगति रिपोर्ट का विमोचन किया। इसके साथ ही अखिल भारतीय बाघ आकलन चक्र-6 का फील्ड गाइड का विमोचन भी किया। यह आठ भाषाओं में है। कार्यक्रम में मानव-वन्यजीव संघर्ष सह-अस्तित्व पर राष्ट्रीय हैकथॉन के फाइनलिस्टों को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान एफआरआई, डब्ल्यूआईआई, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी और वन विभाग के अधिकारी मौजूद थे। एफआरआई में भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) की 31वीं वार्षिक आम बैठक में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि तकनीकों तथा शोध निष्कर्षों को अंतिम उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाएं। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड वेब पोर्टल का शुभारंभ करने के साथ चार प्रकाशनों का विमोचन भी किया। इस दौरान आईसीएफआरई की महानिदेशक कंचन देवी भी मौजूद रहीं।

 

 

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *