चमोली में स्वास्थ्य सेवाओं की नई मिसाल, अटल आयुष्मान योजना से एक लाख से अधिक लाभार्थी हुए सुरक्षित..
उत्तराखंड: राज्य सरकार द्वारा आम जनता को सुगम और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना अब चमोली जनपद में लोगों के लिए जीवनरक्षक कवच साबित हो रही है। वर्ष 2018 से अब तक 1,04,510 से अधिक लाभार्थियों को इस योजना के तहत निःशुल्क उपचार की सुविधा मिल चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक चमोली जिले में 1 अरब 90 करोड़ 27 लाख 54 हजार 335 रुपये की राशि उपचार पर खर्च की जा चुकी है। यह दर्शाता है कि योजना ने पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहद आसान बनाया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अटल आयुष्मान योजना ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत दी है। कई गंभीर बीमारियों, ऑपरेशन और आकस्मिक स्थितियों में मरीजों को बिना किसी आर्थिक बोझ के उपचार मिल रहा है। सरकार के अनुसार राज्य के हर नागरिक को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले, इसके लिए राज्य के सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को इस योजना से जोड़ा गया है। योजना का उद्देश्य है कि ‘हर घर, हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुरक्षा’ सुनिश्चित की जा सके। चमोली जैसे पर्वतीय जिलों में जहां स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं, वहां अटल आयुष्मान योजना ने जनता के भरोसे की डोर को मजबूत किया है। आने वाले समय में सरकार इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड और ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी अभिषेक गुप्ता ने कहा कि योजना के तहत जनपद में 2 लाख 34 हजार 234 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। जिसमें से वर्ष 2018 से अभी तक 1 लाख 04 हजार 510 लोगों को योजना से उपचार का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में योजना का शुभारंभ वर्ष 2018-19 में किया था। जिसके बाद पहले वर्ष यहां 865 लोगों को योजना से लाभांवित किया गया, जबकि दूसरे वर्ष 2019-20 में 12,063, वर्ष 2020-21 में 7,773, वर्ष 2021-22 में 8,896, वर्ष 2022-23 में 20,684, वर्ष 2023-24 में 25,570, वर्ष 2024-25 में 17,647 तथा चालू वित्तीय वर्ष में वर्तमान तक 11,012 लोगों को योजना के माध्यम से उपचार का लाभ उपलब्ध कराया गया है।
जनपद चमोली में योजना का लाभ जिला चिकित्सालय गोपेश्वर, उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग, तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैरसैंण, थराली, जोशीमठ, पोखरी और नंदानगर में पात्र लाभार्थियों को मिल रहा है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक के निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने वर्ष 2024 से “आयुष्मान वय वंदना योजना” भी शुरू की है, जिसके तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को विशेष स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जा रही है। अब तक 430 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान वंदना कार्ड बनाए जा चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार, आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पात्र लाभार्थियों के पास राशन कार्ड और आधार कार्ड का होना आवश्यक है। यह कार्ड नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान मित्रों की मदद से, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से, या स्वयं आयुष्मान ऐप के जरिए भी बनाए जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस योजना से अब गांव-गांव तक उपचार की सुविधा पहुंच रही है, जिससे लोगों को बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए अब शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। अटल आयुष्मान योजना और आयुष्मान वय वंदना योजना के माध्यम से सरकार ने जन स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
