November 12, 2025
Uttarakhand High Court

उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों की ओर से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के मामले पर सुनवाई..

 

 

उत्तराखंड: नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों द्वारा निर्धारित फीस के अलावा अतिरिक्त शुल्क वसूलने के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष हुई, जिसमें राज्य सरकार और सीबीएसई की ओर से अपने-अपने पक्ष रखे गए। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि निजी स्कूलों की फीस से संबंधित शिकायतों की जांच और समाधान के लिए एक एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया है। सरकार ने कहा कि यदि किसी अभिभावक को फीस या अतिरिक्त शुल्क वसूली को लेकर कोई आपत्ति है, तो वह अपनी शिकायत सीधे इस कमेटी के समक्ष दर्ज करा सकते हैं। वहीं सीबीएसई बोर्ड की ओर से अदालत को बताया गया कि अब तक किसी छात्र के अभिभावक की ओर से कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

बोर्ड ने कहा कि फीस से संबंधित विवादों पर कार्रवाई तभी संभव है जब शिकायतें औपचारिक रूप से प्रस्तुत की जाएं। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे अपनी शिकायत पहले गठित एडवाइजरी कमेटी के सामने पेश करें। खंडपीठ ने कहा कि कमेटी के पास शिकायत दायर होने पर ही वह मामले की तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट कर सकेगी और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। सरकार द्वारा कमेटी गठित करने की जानकारी मिलने के बाद अदालत ने फिलहाल इस मामले को निस्तारित कर दिया, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता को कमेटी के निर्णय से संतुष्टि नहीं होती है, तो वे पुनः न्यायालय की शरण ले सकते हैं।

 

सोमवार को सुनवाई के दौरान चीफ एजुकेशन ऑफिसर नैनीताल हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। उनकी ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया कि प्राइवेट स्कूलों की ओर से वसूले जाने वाली फीस व ड्रेस के साथ ही खेलकूद, ट्रिप, नोटबुक एक ही दुकान से लेने के संबंधी पाबंधी पर राज्य सरकार ने कमेटी गठित की है। जो पीड़ित हैं, वे इसमे शिकायत दर्ज कर सकते हैं।जिस पर संतुष्ट होकर कोर्ट ने जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया है।साथ ही कोर्ट ने कहा कि पीड़ित अपनी शिकायत राज्य सरकार की तरफ से गठित समिति में करें।अभिभावकों को एडवाइजरी कमेटी को शिकायत देने को कहा गया है।

क्या है मामला

आपको बता दे कि हल्द्वानी निवासी दीप चंद्र पांडे ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य में चल प्राइवेट स्कूल छात्रों के अभिभावकों से फीस के अलावा कई अन्य शुल्क जबरन वसूल रहे हैं, जिनमें स्कूल की ओर से निर्धारित दुकान से नोटबुक, किताबें, स्कूल ड्रेस व अन्य सामग्री लाने को कहा जाता है। जो उन्हें काफी महंगी पड़ती है। जबकि, वही नोटबुक या किताब अन्य सामान्य दुकान पर कम रेट में उपलब्ध होती है।जनहित याचिका में कोर्ट से उनकी ओर से प्रार्थना की गई है कि इस पर रोक लगाई जाए। इसका विरोध करते हुए बोर्ड की तरफ से कहा गया कि स्कूल का सत्र एक साथ शुरू हो, इसलिए सारी स्कूल बुक व अन्य चीज एक जगह मिल जाए और अभिभावकों को भटकना न पड़े. इसलिए उनकी सुविधा के लिए स्कूल प्रबंधन ने दुकान का चयन किया है।

 

 

 

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