देहरादून में जुटे देश-विदेश के प्रवासी उत्तराखंडी, सम्मेलन में गूंजा ‘अपनों से जुड़ाव, अपने राज्य का विकास’ का संदेश..
उत्तराखंड: राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर प्रदेश में दूसरे प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रवासी उत्तराखंडियों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। सीएम धामी ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी राज्य की प्रगति में एक सशक्त कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रवासियों को उनकी मातृभूमि से जोड़ना और उन्हें राज्य के विकास में सहभागी बनाना है। प्रवासी सम्मेलन सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की भावना, संस्कृति और विकास का उत्सव है। सीएम धामी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के संकल्प के अनुरूप उत्तराखंड भी “विकसित राज्य” बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने बीते वर्षों में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC), नकल विरोधी कानून, एंटी-लैंड जिहाद नीति जैसी कई ऐतिहासिक पहल की हैं, जिनका लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है। कार्यक्रम के दौरान प्रवासी उत्तराखंडियों को उनके सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया। सम्मेलन में निवेश संभावनाओं, पर्यटन विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण उद्यमिता पर विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विशेषज्ञों ने विचार साझा किए।
सीएम ने कहा कि प्रवासी सम्मेलन के माध्यम से सरकार चाहती है कि विदेशों और अन्य राज्यों में बसे उत्तराखंडी न सिर्फ भावनात्मक रूप से, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी अपने राज्य से जुड़े रहें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में निवेश और रोजगार सृजन के लिए अनेक नीतियां तैयार की जा रही हैं, ताकि प्रवासी भी राज्य के विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की झलक भी देखने को मिली। झोड़ा, चांचरी और पांडव नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों ने माहौल को लोक रंगों से सराबोर कर दिया। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रवासी सम्मेलन का यह आयोजन अब हर दो वर्ष में किया जाएगा, ताकि प्रवासी उत्तराखंडियों और राज्य सरकार के बीच संवाद एवं सहयोग की निरंतर प्रक्रिया बनी रहे।
