एबीवीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन 28 नवंबर से इसरो के पूर्व प्रमुख एस. सोमनाथ देंगे प्रेरक संबोधन..

एबीवीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन 28 नवंबर से इसरो के पूर्व प्रमुख एस. सोमनाथ देंगे प्रेरक संबोधन..

उत्तराखंड: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन इस माह की 28 से 30 नवंबर तक देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। इस महासम्मेलन में देशभर से हजारों विद्यार्थी प्रतिनिधि शामिल होंगे। अधिवेशन का मुख्य आकर्षण अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ होंगे, जो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर युवा पीढ़ी को संबोधित करेंगे। डॉ. एस. सोमनाथ ने जनवरी 2022 से जनवरी 2025 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के रूप में देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में भारत ने चंद्रमा पर ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की, जिसने विश्वभर में भारत की तकनीकी क्षमता का लोहा मनवाया।

उनके मार्गदर्शन में आदित्य-एल1 मिशन, एक्सपोसैट सहित कई उपग्रह मिशन भी सफलतापूर्वक पूरे हुए। यह सभी सफलताएँ भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में वैश्विक अग्रणी देशों की सूची में मजबूत स्थान दिलाने वाली साबित हुईं। एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि डॉ. सोमनाथ न केवल भारत के विज्ञान जगत की बड़ी हस्ती हैं, बल्कि उनका समर्पण और कार्यशैली भारतीय अनुसंधान और नवाचार को नए आयाम देती है। उन्होंने कहा कि उनके संबोधन से देशभर से आए विद्यार्थी प्रतिनिधियों को विज्ञान, अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में दिशा, मार्गदर्शन और प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि अधिवेशन युवाओं को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अधिवेशन के लिए परेड ग्राउंड में तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं।

विशाल मंच, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, राष्ट्रीय विषयों पर विशेष सत्र और विद्यार्थी गतिविधियों के लिए अलग-अलग पंडाल तैयार किए जा रहे हैं। देश के कोने-कोने से आने वाले प्रतिनिधि यहां शिक्षा, अनुसंधान, सामाजिक समरसता, राष्ट्र निर्माण और युवा नेतृत्व जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। देहरादून में होने वाला यह राष्ट्रीय अधिवेशन छात्रों का एक ऐतिहासिक संगम साबित होने की उम्मीद है, जहां विज्ञान और नवाचार की प्रेरणा के साथ-साथ संगठनात्मक मजबूती और राष्ट्र सेवा की भावना भी मजबूत होगी।

 

 

 

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