बद्रीनाथ धाम में धार्मिक आस्था और सैन्य परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब गढ़वाल राइफल्स और गढ़वाल स्काउट्स के कर्नल ऑफ द रेजिमेंट लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. राणा ने नवनिर्मित भव्य प्रवेश द्वार का लोकार्पण किया। यह प्रवेश द्वार बद्रीनाथ मंदिर के समीप नए पुल के बगल में स्थापित किया गया है, जिसे गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर (GRRC) लैंसडौन ने बद्रीनाथ मंदिर को भेंट स्वरूप प्रदान किया है।
नवनिर्मित प्रवेश द्वार पारंपरिक गढ़वाली शिल्पकला और सैन्य अनुशासन का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करता है। इस द्वार के बन जाने से मंदिर परिसर की गरिमा, आध्यात्मिक माहौल और सौंदर्यशास्त्र में और अधिक वृद्धि हुई है। धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को अब मंदिर में प्रवेश करते समय एक भव्य, सुव्यवस्थित और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो रहा है।
लोकार्पण समारोह के दौरान GRRC लैंसडौन के सेंटर कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने कहा कि गढ़वाल राइफल्स का यह योगदान क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सैन्य-नागरिक सौहार्द और सेवा की भावना को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि रेजिमेंट का उद्देश्य उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देना और धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाना है।
प्रवेश द्वार के निर्माण से बद्रीनाथ धाम में न केवल सौंदर्य बढ़ा है, बल्कि यह सेना और स्थानीय समुदाय के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक भी बन गया है। स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि नया प्रवेश द्वार धाम की पवित्रता और भव्यता को और अधिक उजागर करता है।
