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शिक्षा विभाग में दिव्यांगता प्रमाणपत्र के फर्जी इस्तेमाल का बड़ा मामला सामने आया है। विभाग ने ऐसे 51 शिक्षकों को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर असली दिव्यांगता प्रमाणपत्र के साथ पेश होने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय पर उपस्थित न होने की स्थिति में संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला उस समय खुला जब नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इसके आधार पर 2022 में राज्य मेडिकल बोर्ड द्वारा कई संदिग्ध प्रमाणपत्रों की जांच कराई गई, जिसमें 51 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए।

कोर्ट के निर्देश आने के बाद भी अब तक कार्रवाई लंबित थी, लेकिन अब विभाग ने प्रक्रिया आगे बढ़ाते हुए इन शिक्षकों से जवाब तलब कर दिया है।

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