दिव्यांगता कोटे में हुई भर्ती पर सवाल, कोर्ट ने तलब की राज्यभर की विस्तृत रिपोर्ट..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में दिव्यांगता कोटे से हुई शिक्षकों की नियुक्तियों पर अब व्यापक स्तर पर समीक्षा शुरू हो गई है। न्यायालय आयुक्त दिव्यांगजन ने राज्य गठन (2000) से लेकर 2024 तक इस आरक्षण श्रेणी में हुए सभी चयन मामलों का पूरा विवरण तलब कर लिया है। इसके साथ ही उन शिक्षकों की सूची भी मांगी गई है जिन्होंने कथित तौर पर गलत या संदिग्ध दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल की हो। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा कि प्रदेश में अब तक 365 सहायक अध्यापक (एलटी) और 200 प्रवक्ता इस कोटे से चयनित हुए हैं। यह संख्या केवल माध्यमिक शिक्षा विभाग से संबंधित है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भी कई शिक्षकों की नियुक्ति इसी कोटे के अंतर्गत हुई है, लेकिन उनकी अद्यतन संख्या जुटाई जा रही है।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल से इस संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। न्यायालय आयुक्त ने विभागों को निर्देश देते हुए कहा है कि दिव्यांगता प्रमाणपत्रों के सत्यापन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रत्येक शिक्षक के प्रमाणपत्र और नियुक्ति दस्तावेजों की जांच की जाएगी। यदि कोई नियुक्ति फर्जी या गलत प्रमाणपत्र के आधार पर पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग में हलचल बढ़ा दी है। अब सभी जिलों से आंकड़े इकट्ठा किए जा रहे हैं और कई पुराने मामलों की भी पुनः समीक्षा की जा रही है। आगामी दिनों में इस जांच से जुड़े कई अहम खुलासे होने की संभावना है।
