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नरेंद्रनगर में लॉ कॉलेज निर्माण को हरी झंडी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की दिशा में राज्य में अनिश्चितता..

 

 

 

उत्तराखंड: टिहरी जनपद के नरेंद्रनगर में प्रस्तावित लॉ कॉलेज को लेकर बड़ी प्रगति सामने आई है। कॉलेज की स्थापना के लिए डागर क्षेत्र में भूमि का चयन कर लिया गया है। भूमि चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब परियोजना के धरातल पर उतरने का रास्ता साफ हो गया है। वित्त विभाग से प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही नए साल में निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बता दे कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्रनगर में लॉ कॉलेज खोलने की घोषणा अक्टूबर 2021 में श्री कंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के दौरान की थी। इस घोषणा के बाद से क्षेत्रवासियों में लॉ कॉलेज को लेकर लगातार उम्मीद बनी हुई थी, जो अब साकार होती दिख रही है।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने जानकारी देते हुए कहा कि लॉ कॉलेज के लिए मानकों के अनुरूप पर्याप्त भूमि डागर क्षेत्र में उपलब्ध हो गई है। भूमि चयन के साथ ही कॉलेज के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है और जैसे ही वित्तीय स्वीकृति मिलेगी, निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी। हालांकि, राज्य में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) की स्थापना को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हो सकी है। इस परियोजना को लेकर शासन स्तर पर चर्चा तो हो रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया है। इसके चलते प्रदेश में उच्चस्तरीय विधि शिक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि नरेंद्रनगर में लॉ कॉलेज की स्थापना से गढ़वाल मंडल के छात्रों को विधि शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे, वहीं नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना पर स्पष्ट निर्णय से उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिल सकती है।

देश में नई विधि शिक्षा के केंद्र के रूप में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) का मॉडल सफल हो चुका है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 और झारखंड में 2010 में एनएलयू स्थापित हो चुके हैं। लेकिन उत्तराखंड में इसकी स्थापना अब तक पूरी तरह साकार नहीं हो सकी है। राज्य में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के लिए भूमि की तलाश अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। मार्च 2019 में रानीपोखरी के लिस्ट्राबाद गांव में इसका शिलान्यास किया गया था, लेकिन अब भी परियोजना पर काम शुरू नहीं हो सका। विभागीय अधिकारियों के अनुसार मुख्य बाधा संपर्क मार्ग की अनुपयुक्तता और भूमि की उपलब्धता है। विशेष जानकारी के अनुसार एनएलयू पहले नैनीताल में स्थापित करने का प्रस्ताव था, लेकिन वहां भी उचित जमीन नहीं मिल सकी, जिससे परियोजना लंबित हो गई।

अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के लिए भूमि और बुनियादी संरचना की कमी के कारण अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। उत्तराखंड में एनएलयू की स्थापना से राज्य के छात्रों को उच्च गुणवत्ता की विधि शिक्षा के अवसर मिलेंगे और यह प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा केंद्र के रूप में पहचान दिलाएगा। लेकिन इसके लिए शासन स्तर पर भूमि उपलब्ध कराने और संपर्क मार्ग दुरुस्त करने जैसे कदम तेजी से उठाने होंगे। उत्तराखंड सरकार और संबंधित विभाग अब तक इस परियोजना को गति देने के लिए नए विकल्प तलाशने और नीतिगत प्रस्ताव तैयार करने में लगे हुए हैं। लॉ यूनिवर्सिटी का रानीपोखरी के लिस्ट्राबाद में रेशम विभाग की 10 एकड़ भूमि में शिलान्यास किया गया। शिलान्यास के बाद शुरुआती काम के लिए 50 लाख रुपये भी मंजूर किए गए, लेकिन शिलान्यास से आगे काम नहीं हुआ। इस बीच स्थान के चयन को लेकर पेच लगा दिया गया।

 

 

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