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हल्द्वानी में मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित, नैनीताल रोड पर कार पर गिरा बोल्डर..

 

 

उत्तराखंड: हल्द्वानी में बीते 48 घंटे से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पर्वतीय इलाकों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक कई सड़कें मलबा आने से बंद हो गई हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच मंगलवार को नैनीताल रोड स्थित डोलमार के पास बड़ा हादसा होते-होते टल गया। अचानक पहाड़ी से एक विशाल बोल्डर चलती कार पर गिर पड़ा, जिससे कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत यह रही कि कार में सवार सभी लोग बाल-बाल बच गए। हालांकि वे हल्के रूप से घायल हुए हैं, लेकिन किसी की जान को खतरा नहीं है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। राहत और बचाव कार्य शुरू करते हुए घायलों को कार से सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों के अनुसार सभी लोग खतरे से बाहर हैं। लगातार बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बोल्डर गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं। प्रशासन ने यात्रियों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से हालात गंभीर बने हुए हैं। पिछले 48 घंटे से जारी बारिश के कारण सभी नदी-नाले और नहरें उफान पर आ गई हैं। गौला कोसी और नंधौर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हल्द्वानी के चोरगलिया में शेरनाला आने से यातायात बंद हो गया है। इसके साथ ही नैनीताल रोड पर भी कई जगह मलबा गिर रहा है। जबकि अल्मोड़ा और नैनीताल हाईवे क्वारब के पास मलबा आने से बंद हो गया है। कई जगह पानी भरने और भूस्खलन की घटनाओं से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। प्रशासन ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। वहीं हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने काठगोदाम और लालकुआं क्षेत्र के कई परिवारों को आपदा राहत कैंपों में शिफ्ट किया है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और राहत व बचाव दल अलर्ट पर हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन की हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

एक्टिव मोड पर प्रशासन

मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही भू-कटाव ने किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। खेतों और फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका से ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है। एडीएम विवेक राय ने लोगों से अपील की है कि आवश्यक होने पर ही पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा करें और बिना वजह घरों से बाहर न निकलें। उन्होंने विशेषकर नदी किनारे रहने वाले परिवारों से कहा कि वे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ टीमों को 24 घंटे एक्टिव मोड पर रखा है। लगातार निगरानी की जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।

 

 

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