कोरोना काल के बाद बंद हल्द्वानी बेस अस्पताल का 9 बेड ICU फिर से शुरू..
उत्तराखंड: हल्द्वानी के बेस अस्पताल में लंबे समय से बंद पड़े आईसीयू वार्ड को गुरुवार से फिर से संचालित कर दिया गया है। कोरोना महामारी के बाद से बंद पड़ा यह आईसीयू वार्ड मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि पहले इस कारण मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ता था। स्वास्थ्य विभाग ने अनुभवी डॉक्टर और स्टाफ तैनात कर वार्ड का संचालन दोबारा शुरू कर दिया है। जो कि हल्द्वानी शहरवासियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। इस अवसर पर जिलाधिकारी और दर्जा राज्य मंत्री ने आईसीयू का विधिवत शुभारंभ किया। कोरोना की पहली लहर के दौरान करीब चार साल पहले, दो करोड़ रुपये की लागत से 9 बेड वाला आईसीयू वार्ड बनाया गया था। लेकिन विशेषज्ञों की कमी के कारण इसके संचालन को बंद करना पड़ा था। तब से अत्याधुनिक मशीनें धूल फांक रही थीं, और यह वार्ड मीडिया की सुर्खियों में भी बना रहा।
अब आईसीयू के पुनः संचालन से बेस अस्पताल मरीजों के लिए सुविधाजनक बन जाएगा और निजी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव भी कम होगा। अस्पताल में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टर और प्रशिक्षित स्टाफ मरीजों को बेहतर इलाज और सुविधा मुहैया कराएंगे। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि आईसीयू संचालन से न केवल आपातकालीन सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। इस पुनः संचालन से शहरवासियों में खुशी का माहौल है, और लोग अब स्थानीय अस्पताल में ही आपातकालीन और गंभीर मरीजों के इलाज के लिए भरोसा कर सकेंगे। यह कदम बेस अस्पताल की कार्यकुशलता और क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हल्द्वानी के बेस अस्पताल में गुरुवार से 9 बेड वाला आईसीयू वार्ड फिर से संचालित हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे 24 घंटे एक्सपर्ट डॉक्टरों और अनुभवी नर्सिंग स्टाफ की निगरानी में चलाने की व्यवस्था की है, जिससे सीमान्त क्षेत्रों से आने वाले गंभीर मरीजों को अब निजी अस्पतालों या हायर सेंटर का रुख नहीं करना पड़ेगा। नैनीताल के जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने कहा कि शहरवासियों की लगातार मांग और जरूरत को देखते हुए आईसीयू का विधिवत शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि अब गंभीर मरीजों को बेस अस्पताल में ही बेहतर इलाज मिल सकेगा और उन्हें प्राइवेट अस्पतालों की ओर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आईसीयू उद्घाटन के बाद नैनीताल के सीएमओ ने कहा कि वार्ड में चार एनेस्थेटिक डॉक्टर और चार अनुभवी नर्सिंग स्टाफ तैनात किए गए हैं।
इसके साथ ही तीन सर्जन और तीन फिजिशियन रोटेशन के आधार पर मरीजों की देखभाल करेंगे। यह सुनिश्चित किया गया है कि मरीजों को हर समय उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिल सके। बता दे कि कोरोना महामारी के दौरान बनाए गए इस आईसीयू को विशेषज्ञों की कमी के कारण कुछ समय बाद बंद कर दिया गया था। इसके बंद रहने से मरीजों को गंभीर स्थिति में निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ता था, लेकिन अब इसे फिर से चालू करने से हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को राहत मिली है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि आईसीयू में सभी अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं और विशेषज्ञ डॉक्टरों तथा प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती से मरीजों को आपातकालीन और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में तुरंत और गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सकेगा। यह कदम बेस अस्पताल की सेवा क्षमता को मजबूत करने और स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
