उत्तराखंड के नगर निकायों में 1600 करोड़ की पेयजल योजनाओं की तैयारी शुरू..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने अपने नगर निकायों में शुद्ध और पर्याप्त पेयजल पहुंचाने के लिए 1600 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। यह योजना वर्ल्ड बैंक के सहयोग से लागू की जाएगी और इसके लिए संभावित नगर निकायों की पहचान भी की जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार, योजना की प्रारंभिक स्वीकृति मिल चुकी है और इसी महीने वर्ल्ड बैंक की टीम उत्तराखंड पहुंचने वाली है, जो परियोजना की विस्तृत समीक्षा करेगी। सरकार ने बीते कुछ वर्षों में कई नए नगर निकाय बनाए हैं, और इन क्षेत्रों में बुनियादी पेयजल सुविधाओं का विस्तार करने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। पेयजल निगम के प्रस्तावित 1600 करोड़ रुपये की योजना धरातल पर उतरने के बाद इन नगर निकायों के नागरिकों को शुद्ध पेयजल की सुविधा मिल सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि योजना के मंजूर होते ही नए साल में वर्ल्ड बैंक की राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। योजना में शामिल अधिकांश नगर निकाय हाल ही में बनाए गए नए नगर निकाय हैं, जिन्हें आधुनिक और सतत पेयजल व्यवस्था से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है। यह परियोजना न केवल पेयजल संकट को दूर करेगी, बल्कि इन शहरों के विकास और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगी।
ये संभावित निकाय हैं चिह्नित
सेलाकुई, चकराता टाउनशिप, कैंप्टी, अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग, नंद्रप्रयाग, गोपेश्वर, भीमताल, भवाली, महुआडाबरा, दिनेशपुर, पाडली गुज्जर, रामपुर, इमलीखेड़ा, चिन्यालीसौड़, पुरोला और बड़कोट।
उत्तराखंड सरकार के नगर निकायों में 1600 करोड़ रुपये की पेयजल योजनाओं को लेकर वर्ल्ड बैंक की टीम ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इन योजनाओं में से 1255 करोड़ रुपये का उपयोग पेयजल परियोजनाओं के निर्माण कार्यों के लिए किया जाएगा, जबकि शेष राशि का प्रयोग लीकेज मरम्मत और सौर ऊर्जा आधारित आपूर्ति प्रणाली के लिए किया जाएगा। पेयजल निगम इन योजनाओं को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए विशेष सोलर प्रोजेक्ट लगाएगा, जिससे कम खर्च में अधिक प्रभावी और सतत जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। वर्ल्ड बैंक की टीम जल्द ही उत्तराखंड का दौरा करेगी और परियोजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही टीम का दौरा संपन्न होगा, पेयजल योजनाओं का कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा और नए नगर निकायों में नवीनतम तकनीक और शुद्ध जल की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। योजना के लागू होने से राज्य के नगर क्षेत्रों में पेयजल संकट को दूर करने और नागरिकों को भरोसेमंद जल आपूर्ति उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। पेयजल निगम की यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल विकास की गति बढ़ाएगी, बल्कि ऊर्जा की बचत और लागत में कटौती के साथ लंबे समय तक सतत जल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
