निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर टोल शुल्क प्रस्तावित, हाईवे खुलने पर लागू होगा..
उत्तराखंड: निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स दरों को लेकर एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने संभावित प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रस्तावित टोल शुल्क को हाईवे के पूरी तरह खुलने के बाद लागू किए जाने की संभावना है, जिससे राजधानी दिल्ली से देहरादून तक सफर करने वाले यात्रियों को ट्रैवल लागत में बदलाव देखने को मिल सकता है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे लगभग 212 किमी लंबा ग्रीनफील्ड हाईवे है, जो दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर बागपत, शामली, सहारनपुर होते हुए देहरादून तक जाएगा। फिलहाल, इस हाईवे का केवल अक्षरधाम से बागपत तक का लगभग 32 किलोमीटर खंड ट्रायल के लिए चालू है, जिसमें वाहन चालकों से टोल नहीं लिया जा रहा है।
पूरी परियोजना में लगभग पाँच टोल प्लाज़ा स्थापित किए जाने की योजना है। प्रस्तावित टोल शुल्क इन्हीं टोल प्लाज़ा के आधार पर तय किया गया है। एनएचएआई सूत्रों के अनुसार, टोल दरों की अंतिम घोषणा हाईवे के पूरी तरह चालू होने के समय की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि टोल शुल्क लागू होने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा की लागत में वृद्धि देखने को मिल सकती है, लेकिन इससे हाईवे के संचालन और रखरखाव में सुधार आएगा। परियोजना के पूरी तरह खुलने के बाद यातायात की गति बढ़ेगी और यात्रा का समय पहले के मुकाबले लगभग आधा हो जाएगा, जिससे यात्रा अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनेगी। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर के लिए एक प्रमुख कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इसके खुलने से पर्यटन, व्यापार और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
कार और भारी वाहनों के लिए संभावित टोल टैक्स (दिल्ली से)
ये दरें प्रस्तावित हैं और पूर्ण एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद ही आधिकारिक रूप से लागू होंगी
दूरी/स्थान कार/लाइट व्हीकल हल्का वाणिज्यिक वाहन बस/भारी वाहन
दिल्ली – काठा ₹232 ₹376 ₹788
दिल्ली – रसूलपुर ₹417 ₹676 ₹1,418
दिल्ली – गणेशपुर ₹563 ₹912 ₹1,912
दिल्ली – देहरादून ₹670 ₹1,085 2,275
एक्सप्रेसवे पूर्ण रूप से चालू होने पर इन दरों में मामूली बदलाव भी संभव है।
कब लागू होगा टोल शुल्क ?
निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर प्रस्तावित टोल टैक्स को लेकर एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने स्पष्ट किया है कि यह पूर्ण रूप से हाईवे खुलने के बाद ही लागू किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार टोल भुगतान के लिए FASTag प्रणाली का प्रयोग मुख्य माध्यम होगा, जैसा कि देश के अन्य राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे पर देखा जाता है। टोल प्लाज़ा पर यात्रियों के पास FASTag या कैश भुगतान दोनों विकल्प उपलब्ध होंगे, लेकिन एनएचएआई ने यह भी कहा कि FASTag का उपयोग तेज़ और सुविधाजनक होता है, जिससे टोल पर लंबी कतारों से बचा जा सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार टोल शुल्क लागू होने के बाद कार यात्रियों की कुल यात्रा लागत में वृद्धि देखने को मिलेगी। वहीं, भारी वाहन और वाणिज्यिक वाहनों का टोल शुल्क अपेक्षाकृत अधिक होगा, जिससे लॉजिस्टिक्स और परिवहन लागत पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे खुलने के बाद पुराने राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात कम होगा, जिससे यात्रा का समय घटेगा और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
